इतिहास के पन्नों में दर्ज़ हर तारीख कई राज और कई जानकारियां खुद में समेटे हुए हैं। उसी कड़ी में 22 नवंबर भी कई मायनों में ख़ास है। कुछ घटनाएं अतीत में ऐसी रही जो आज के दिन को यादगार और विशेष बनती है। देश और दुनिया के इतिहास ने इस दिन को प्रसिद्धि दी है। आज के दिन इतिहास से नए नाम जुड़े तो कुछ हमेशा के लिए मिट गए। आइये जानते हैं वो सारी घटनाएं और बदलाव जो 22 नवंबर को बनती है बाकि दिनों से ख़ास।
1808: दुनिया की मशहूर ट्रैवल कंपनी 'थॉमस कुक एंड संस' के संस्थापक थॉमस कुक का जन्म हुआ
1830: अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की जंग छेड़ने वाली रानी लक्ष्मीबाई के सेना की मुख्य सदस्य झलकारी बाई का जन्म हुआ।
1920: हकीम अजमल ख़ान जामिया के पहले चांसलर बने।
1943: द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जापान को हराने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डेलानो रूज़वेल्ट, ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल और चीनी शासक च्यांग काई शेक के बीच में मंत्रणा हुई।
1963: अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी की हत्या हुई।
1967:संयुक्त राष्ट्र ने 242वां प्रस्ताव पारित करके इजरायल को जमीन वापस करने का निर्देश दिया।
1968: मद्रास राज्य का नाम बदलकर तमिलनाडु करने के प्रस्ताव को लोकसभा से स्वीकृति मिली।
1971: भारत और पाकिस्तान ने एक दूसरे की हवाई सीमाओं का उल्लंघन किया और दोनों देशों के बीच हवाई संघर्ष शुरू हुआ।
1975: जुआन कार्लोस स्पेन के राजा बने।
1986: ब्लेड रनर ऑस्कर पिस्टोरियस का जन्म।
1989: मंगल, शुक्र, शनि, यूरेनस, नेप्च्यून और चंद्रमा एक ही सीध में आये थे।
1990: ब्रिटिश प्रधानमंत्री मारग्रेट थैचर ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी।
1997: भारत की डायना हेडेन विश्व सुन्दरी बनी थी।
1998: बांग्लादेश की विवादास्पद लेखिका तसलीमा नसरीन ने ढाका की अदालत में आत्मसमर्पण किया था।
2000: पाकिस्तान और ईरान पर अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाया गया था।
2002: मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के आयोजन के विरोध में नाइजीरिया में भड़के दंगे में सैंकड़ों लोग मारे गये थे।
2005: एंजेला मर्केल जर्मनी की पहली महिला चांसलर बनीं थी।
2006: भारत और वैश्विक कंसोर्टियन के छह अन्य देशों ने सूर्य की तरह ऊर्जा पैदा करने वाले प्राथमिक फ़्यूजन रिएक्टर की स्थापना करने के लिए पेरिस में ऐतिहासिक समझौता किया था।
2007: ब्रिटेन में अवैध प्रवासी की समस्या पर काबू पाने के लिए कड़ी घोषणायें की गईं थी।
2008: हिन्दी के प्रख्यात कवि कुंवर नारायण को वर्ष 2005 के ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए चुना गया था।