डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की 85 वर्षीय मां की खराब हालत के चलते उनकी देखभाल के लिए राम रहीम को 3 सप्ताह की पैरोल देने की मांग करते हुए उसकी पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए जेल अधीक्षक को राम रहीम की मांग पर कानून के अनुरूप फैसला लेने के आदेश दिए हैं।
राम रहीम की पत्नी हरजीत कौर ने अपनी याचिका में बताया कि उसकी सास और राम रहीम की मां नसीब कौर गंभीर रूप से बीमार है। हाईकोर्ट में वकीलों के वर्क सस्पेंड के चलते कोई वकील कोर्ट में पेश नहीं हुआ। जिस पर राम रहीम की पत्नी हरजीत कौर की तरफ से उनके बेटे जसमीत सिंह ने पैरवी की और कहा कि उसकी सास की आयु 85 वर्ष है और ऐसे में वह चाहती हैं कि उनका इकलौता बेटा उनकी देखभाल करे। याचिका में बताया गया कि उनकी माता दिल की मरीज है और बीते दिनों उसे दिल का दौरा भी पड़ा था। वह राम रहीम के बिना अब इलाज भी नहीं करवा रही है। कुछ दिन में उनकी एंजियोग्राफी होनी है। ऐसे में राम रहीम को उपचार के दौरान उनके साथ होना चाहिए।
उनकी मां का कहना है कि जब तक उनका बेटा उनके पास नहीं आएगा तब तक वह इलाज नहीं कराएंगी। रोहतक जेल के अधीक्षक को राम रहीम ने पैरोल के लिए 29 जुलाई को एक मांग पत्र देकर 3 सप्ताह के पैरोल की मांग की थी, लेकिन उनकी मांग पर विचार नहीं किया जा रहा है। याची ने कहा कि राम रहीम को अच्छे आचरण के चलते पैरोल दी जाए, क्योंकि यह उनका हक भी है ताकि वह अपनी बीमार मां के साथ कुछ समय बीता सके।
सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने जेल अधीक्षक रोहतक को आदेश दिया कि वह जेल विभाग द्वारा जारी 2014 के नियमों के तहत अच्छे आचरण के तहत राम रहीम को पैरोल देने पर विचार करें। अगर विचार करने के बाद निर्णय राम रहीम के पक्ष में नहीं है तो इस मामले को अपने उच्च अधिकारियों को भेजें और अधिकारी इस पर निर्णय लें।