Uttar Pradesh Lok Sabha Election 2nd Phase: लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में सियासी घमासान मचा हुआ है। प्रदेश में 80 लोकसभा सीटें है जिसने से आठ सीटों पर पहले चरण में चुनाव हो गया है। वहीं मथुरा में त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी हेमा मालिनी का नया बयान सामने आया है, उन्होंने कहा है कि "बांकेबिहारी मंदिर का कॉरिडोर बनाने का काम जल्द शुरू हो जाएगा, प्रदेश में 80 में से 80 सीटें हमें मिलनी चाहिए। मैं सभी मतदाताओं से वोट करने की अपील करती हूं। INDIA गठबंधन किस आधार पर बोल रहा है कि हमें वोट करो, उन्होंने आज तक किया क्या है?"
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को आठ सीटों अमरोहा, मेरठ बागपत, गाजियाबाद गौतमबुद्ध नगर, बुंलदशहर अलीगढ़ और मथुरा सीट पर वोट डाले जाएंगे। मथुरा लोकसभा सीट से बीजेपी ने फिर से मौजूदा सांसद हेमा मालिनी को मैदान में उतारा है। वहीं समाजवादी पार्टी ने मुकेश धनगर और बहुजन समाज पार्टी ने सुरेश सिंह को टिकट दिया है। ऐसे में यहां का मुकाबला त्रिकोणीय बन गया है।
समझें मथुरा का जातीय समीकरण
मथुरा लोकसभा सीट प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में आती है। यहां पर जाट बिरादरी का खास वर्चस्व माना जाता है। अगर जातीय समीकरण की बात करें तो 2019 के समय सबसे ज्यादा जाट मतदाता थे, जिनकी तादाद करीब सवा 3 लाख थी। इसके अलावा ब्राह्मण मतदाताओं की आबादी पौने 3 लाख थी। ठाकुर, जाटव और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी ठीक ठाक है। वैश्य और यादव बिरादरी के मतदाता भी इस सीट पर अहम भूमिका निभाते हैं।
बीजेपी सांसद हेमा मालिनी को मथुरा सांसद बने 10 साल हो गए है और अब क्षेत्र की समस्याओं के लिए उन पर सवाल उठने लगे हैं। कई मौकों पर मतदाता उन्हें इसके लिए जिम्मेदार भी मानते हैं। ऐसे में यह तो तय है कि अखिलेश और मायावती दोनों के उम्मीदवार वोट काटने का काम कर सकते हैं। राजनीति की बात करें तो इस सीट से कांग्रेस, भाजपा और रालोद चुनाव जीतती रही हैं। अभी पिछले महीने रालोद और बीजेपी का गठबंधन हो चुका है, और बीजेपी को यह सीट मिली है वहीं इंडिया गठबंधन में यह सीट कांग्रेस के पाले में गई है।