ISRO का चंद्रयान-2 मंगलवार सुबह चांद की कक्षा में स्थापित हो गया। योजना के अनुरूप मंगलवार सुबह 9 बजकर 2 मिनट पर लूनर ऑर्बिट इंसर्शन सफलतापूर्व संपन्न हो गया। चंद्रयान-2 के सभी सिस्टम बिल्कुल सही तरीके से काम कर रहे हैं। इसरो चेयरमैन डॉक्टर के सिवन ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा चंद्रयान-2 सफलता के साथ कक्षा में पहुंचा है। 7 सितंबर को चांद की सतह पर रात 1:55 पर उतरेगा।
इसरो चीफ सिवन ने कहा, अगला महत्वपूर्ण ईवेंट 2 सितंबर को होगा जब लैंडर, ऑर्बिट से अलग होगा। तीन सितंबर को हम देखेंगे कि लेंडर का सिंस्टम सही ढंग से चल रहा है या नहीं। इससे पहले, इसरो ने कहा, इस विशेष कार्यक्रम का काल 1,738 सेकेंड का था, जिसमें चंद्रयान-2 सफलतापूर्वक चांद की कक्षा में प्रवेश कर गया। कक्षा 114 किलोमीटर गुणा 18,072 किलोमीटर की है।
इसके बाद, चंद्रयान-2 को कई कक्षाओं में प्रवेश कराने के बाद, चांद की सतह से लगभग 100 किलोमीटर दूर चांद के ध्रुवों से गुजरते हुए इसकी अंतिम कक्षा में प्रवेश कराना होगा। इसके बाद लैंडर विक्रम कक्षा से अलग हो जाएगा और चांद के चारों तरफ 100 किलोमीटर गुणा 30 किलोमीटर की कक्षा में प्रवेश कर जाएगा। इसरो ने कहा, इसके बाद यह सात सितंबर 2019 को चांद के दक्षिण ध्रुव क्षेत्र में प्रवेश करेगा। चंद्रयान-2 भारतीय जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क तृतीय द्वारा 22 मई को लॉन्च किया गया था।