1 अटल बिहारी वाजपेयी (25 दिसम्बर 1924 – 16 अगस्त 2018) भारत के तीन बार के प्रधानमन्त्री रहे। वे पहले 16 मई से 1 जून 1996 तक, तथा फिर 1998 में और फिर19 मार्च 1999 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमन्त्री रहे।
2 वे भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में एक थे, और 1968 से 1973 तक उसके अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य (पत्र) और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया।
3 अटल की खुद की कोई संतान नही थी, लेकिन उन्होंने राजकुमारी कॉल की बेटी नमिता कॉल भट्टाचार्य को अपनी दत्तक पुत्री बनाया था। नमिता ने ही उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी थी।
4 .देश में इमरजेंसी के समय अटल बिहारी को भी विपक्षियों ने जेल भेज दिया था। 1977 में जनता पार्टी की सरकार में विदेश मंत्री बने और संयुक्त राष्ट्र अधिवेशन में उन्होंने हिंदी में भाषण दिया। वह इस पल को अपनी जिंदगी का सबसे सुखद पल मानते थे।
5 1957 में जनसंघ ने उन्हें तीन लोकसभा सीटों लखनऊ, मथुरा और बलरामपुर से चुनाव लड़ाया गया वहीं अटल जी लखनऊ में लोकसभा उप चुनाव हार गए। लेकिन बलरामपुर से जीतकर दूसरी लोकसभा में पहुंचे । यह उनके अगले 5 दशकों के अटूट संसदीय करियर की शुरुाआत थी।
6 अटल जी 1980 में बीजेपी के संस्थापक सदस्य रहे और 1986 तक अध्यक्ष व बीजेपी संसदीय दल के नेता भी रहे।
7 अटल बिहारी वाजपेयी 9 बार लोकसभा के लिए चुने गए। 1962 से 1967 और 1986 में राज्यसभा के सदस्य भी रहे। 16 मई 1996 को पहली बार प्रधानमंत्री बने, लेकिन उन्होंने यह पद केवल 13 दिन तक संभाला 31 मई को त्यागपत्र दे दिया।
8 इसके बाद वे 1999 में पूरे कार्यकाल के लिए एक बार फिर प्रधानमंत्री बने। उनके शासन काल में भारत एक सशक्त परमाणु शक्ति सपन्न राष्ट्र बना और स्वच्छ सुशासन की राजनीति का उद्धोष हुआ।
9 अटलजी महान राजनेता ही नहीं अपितु साहित्यकार, पत्रकार, संपादक व कुशल कवि तथा वक्ता भी रहे हैं। 1948 में अटल जी ने वाराणसी में बतौर पत्रकार काम किया। पत्रकारिया के क्षेत्र में अटल जी के विचार और उनका आचरण पत्रकारों के लिए आदर्श माना जाता हैं।