1 भारत का उत्तरी राज्य हरियाणा , अपने प्राचीन समय से ही भारतीय संस्कृति और सभ्यता को बड़े धूमधाम से मनाता आया हैं। यहां के त्योहार उत्साह, उमंग और खुशियों के साथ मनाए जाते हैं। यहां पर विभिन्न प्रकार के मेलों का आयोजन भी होता है जिनमें राज्य की विभिन्न प्रकार की छटा देखने को मिलती हैं। चलिए जानते है हरियाणा के प्रमुख त्योहार और मेलों के बारे में...
2 सूरजकुंड मेला- यह मेला राज्य के इतिहास और परंपराओं का एक आदर्श उदाहरण है। यह मेला हर साल 1 से 14 फरवरी के बीच आयोजित होता है। सूरजकुंड मेला हस्तकला के लिए प्रसिद्ध है। इस मेले में शिल्प पुरुष कुम्हार, कशीदाकारी, बुनकर, लकड़ी का काम करने वाले, धातु का काम करने वाले, पत्थर से काम करने वाले और चित्रकार को बेचते हैं।
3 कुरुक्षेत्र महोत्सव- यह उत्सव हिन्दूओं के प्रसिद्ध एवं धार्मिक ग्रंथ भगवद गीता के जन्म के उपलक्ष्य में मानाया जाता है। सप्ताह भर चलने वाले इस उत्सव का आयोजन कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड, हरियाणा पर्यटन, जिला प्रशासन, उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला, सूचना और जनसंपर्क विभाग, हरियाणा द्वारा किया जाता है। भारत के हर राज्य से लाखों की संख्या में श्रद्धालु इस त्यौहार में शामिल होने के लिए आते है।
4 पिंजौर हेरिटेज फेस्टिवल- हर साल दिसंबर के महीने में हरियाणा के पिंजौर में पिंजौर हेरिटेज फेस्टिवल आयोजित होता है। यह मेला सरकार के लिए पिंजौर शहर में समृद्ध इतिहास, सुंदर उद्यान और महान पर्यटन की क्षमता दिखाने का एक तरीका है। पिंजौर एक पुराना शहर है जिसे वेदों के समय में बनाया गया था। यह अपने खूबसूरत बगीचों और पर्यटकों के आकर्षण के लिए बहुत प्रसिद्ध है।
5 कार्तिक सांस्कृतिक महोत्सव हरियाणा- यह महोत्सव साल के नवंबर के महीने में बल्लभगढ़ के नाहर सिंह महल में आयोजित किया जाता है। कार्तिक उत्सव का मुख्य उद्देश्य किले के माहौल, मार्शल आर्ट दोनों भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य और लोक रंगमंच की एक समृद्ध विविधता को बढ़ावा देना है।
6 गणगौर पर्व- गणगौर आदि कालीन पर्व है, जिसे उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश ,हरियाणा और गुजरात में मुख्य रुप से मनाया जाता है। 16 दिनों तक फूल-पत्तियों से 16 सौभाग्य श्रृंगार की पूजा कर अंतिम दिन गौरीशंकर का विवाह किया जाता है। गणगौर को गौरी तृतीया भी कहते हैं।