दिल्ली (Delhi) के साकेत कोर्ट (Saket Court) में आज कुतुब मीनार परिसर (Qutub Minar) में पूजा करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की जाएगी। पिछली सुनवाई में महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह ने खुद को पक्षकार बनाने की मांग की थी। वहीं, इस सुनवाई में महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह के वकील कोर्ट में पहुंचे ही नहीं थे। जिसकी वजह से सुनवाई टाल दी गई थी। कोर्ट में आज जिस याचिका पर सुनवाई होनी है उसमें एक व्यक्ति ने आगरा से लेकर मेरठ तक की जमीन को अपनी पुश्तैनी विरासत बताया है। इस लिहाज से उसने कुतुब मीनार पर भी अपना अधिकार बताया है। कुतुबमीनार से जुड़ी ऐसी कई और याचिकाओं भी है जिन पर सुनवाई की जा रही है।
जानें क्या है कुतुब मीनार मामला
दिल्ली का कुतुब मीनार लगातार विवादों में घिरा है। जिसपर हिंदू संगठन (Hindu organization) द्वारा याचिका दायर की गई है। कुतुब मीनार (Qutub Minar)को बनाने के लिए 27 हिंदू देवी-देवताओं और जैन मंदिरों को तोड़ा गया है। इसलिए हमें कुतुब मीनार में पूजा करने की अनुमति दी जाए। इस याचिका में कुतुबमीनार को विष्णु स्तंभ भी बताया गया है। जिसमें एएसआई (A.S.I) ने मंदिर होने के दावे को खारिज कर दिया है। A.S.I के एडवोकेट सुभाष गुप्ता ने कहा था कि अदालत के आदेश से छेड़छाड़ का कोई मौलिक अधिकार ही नहीं है। कोर्ट में इसके मालिकाना हक को लेकर भी एक नई याचिका दायर की गई है। जिस पर कोर्ट का कहना है कि जब तक मालिकाना हक के मामले में अंतिम फैसला नहीं आ जाता, तब तक पूजा की अनुमति देने वाली याचिका पर भी फैसला नहीं दिया जाएगा। आज कोर्ट मालिकाना हक वाली याचिका पर सुनवाई करेगा।