चीन। चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) प्रोजेक्ट का भारत ने रविवार को एक बार फिर समर्थन करने से इन्कार कर दिया। सम्मेलन के संयुक्त घोषणा पत्र के मुताबिक भारत को छोड़कर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सभी सदस्यों ने चीन के इस प्रोजेक्ट का समर्थन किया है। भारत और पाकिस्तान ने पहली बार पूर्ण सदस्य के रूप में इस सम्मेलन में शिरकत की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि बड़ी संपर्क सुविधा परियोजनाओं में सदस्य देशों की संप्रभुता और अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि समावेशिता सुनिश्चित करनेवाली सभी पहलों के लिए भारत की ओर से पूरा सहयोग मिलेगा। बता दें कि चीन की यह परियोजना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से गुजरती है, जिसका भारत कड़ा विरोध करता आ रहा है। भारत का कहना है कि PoK उसका अभिन्न हिस्सा है, जहां से उसकी इजाजत के बिना चीन कोई ऐसा निर्माण कार्य नहीं कर सकता है।
भारत ने कहा है कि वह किसी ऐसे प्रॉजेक्ट को स्वीकार नहीं कर सकता जो संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर उसकी मुख्य चिंता को अनदेखा करता हो। चीन ने 2013 में इस परियोजना की रूपरेखा पेश की थी जिसका लक्ष्य दक्षिणपूर्वी एशिया, सेंट्रल एशिया, गल्फ रीजन, अफ्रीका और यूरोप को रोड और सागर के नेटवर्क से जोड़ना है। शी चिनफिंग पहले ही कह चुके हैं कि चीन इस प्रॉजेक्ट में 126 अरब डॉलर का निवेश कर सकता है।