करीब 12 साल में पंडित दीनदयाल और डॉ. वाईएस परमार योजना से किसानों की आर्थिकी का सरकार ऑडिट करवाएगी। पॉलीहाउस लगाने के लिए सरकार की चलाई इन दोनों योजनाओं की समीक्षा होगी। इससे पहले किसानों के पॉलीहाउस का सर्वे होगा। वैज्ञानिक आधार पर होने वाले इस सर्वे में जहां किसानों को मिले लाभ का पता चलेगा, वहीं पॉलीहाउस क्षतिग्रस्त होने या अन्य कारणों से इसमें किसानों को सफलता न मिलने के कारणों की भी जांच होगी।
प्रदेश में किसानों के पॉलीहाउस का सर्वे करने के लिए कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर को जिम्मा सौंपा गया है। कृषि विवि पालमपुर के कुलपति प्रो. अशोक सरियाल ने बताया कि पॉलीहाउस के आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर कृषि विवि को 37.75 लाख का प्रोजेक्ट मंजूर हुआ है।
पूर्व धूमल सरकार ने भी पंडित दीन दयाल उपाध्याय बागवान के नाम से पॉलीहाउस लगाने की योजना शुरू की थी। उसके बाद पूर्व कांग्रेस सरकार ने डॉ. वाईएस परमार किसान स्वरोजगार योजना शुरू की। योजना में पॉलीहाउस लगाने के लिए किसानों को 80 से 85 फीसदी तक अनुदान दिया गया।