कर्नाटक में उठा हिजाब विवाद अब गहराता ही जा रहा है। इसके खिलाफ कई मुस्लिम छात्र भी अपने क्लासमेट्स के सपोर्ट में धरने पर बैठ गए हैं। कर्नाटक (Karnataka) के उडुपी जिले (Udupi) में तीन और कॉलेजों ने हिजाब पहनकर आईं महिला मुस्लिम छात्राओं को प्रवेश देने से मना कर दिया है। इस तरह का पहला मामला 28 दिसंबर, 2021 को उडुपी से आया था। अब तक कुल पांच शिक्षण संस्थानों- तीन सरकारी कॉलेजों और दो निजी संस्थानों ने हिजाब पहनने वाली छात्राओं की एंट्री पर रोक लगा दी है। ऐसे में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए शुक्रवार को पहली बार किसी संस्थान में पुलिस को तैनात किया गया था।
इस पर महिलाओं और कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह कार्रवाई उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। वहीं सरकार और अधिकारियों ने यह तर्क दिया है कि यह नियम शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक प्रतीकों के प्रदर्शन को रोकने के लिए लगाया गया है। कई हिंदू छात्र कक्षा में हिजाब पहनने वाली मुस्लिम लड़कियों का विरोध करने के लिए संस्थानों में छात्रों को भगवा स्कार्फ पहनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
बता दें कि शुक्रवार को पहली घटना उडुपी के भंडारकर कॉलेज में हुई। छात्रों के अनुसार, जब वे सुबह कॉलेज पहुंचे तो हिजाब पहनकर आईं छात्राओं को कॉलेज के अधिकारियों ने पुलिस की मौजूदगी में गेट पर रोक दिया। वहीं इस पर कुंडापुर पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि कॉलेज के प्रिंसिपल का फोन आने के बाद पुलिस को वहां तैनात किया गया था।
हिजाब को लेकर छिड़े विवाद के बीच कर्नाटक सरकार (Karnataka Govt) ने शैक्षणिक संस्थानों से पोशाक संबंधी मौजूदा नियमों का पालन करने को कहा है, जब तक कि उच्च न्यायालय (High Court) अगले सप्ताह इस संबंध में कोई आदेश नहीं दे देता। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (CM Basavaraj Bommai) ने सरकार के रुख के बारे में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी सी नागेश और शीर्ष सरकारी अधिकारियों के साथ शुक्रवार को बैठक की। मालूम हो कि कर्नाटक हाई कोर्ट में इस मामले पर 8 फरवरी को सुनवाई होगी।