भारतीय किसान यूनियन के नेता एवं संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि वह किसान मोर्चा के टूटने और आंदोलन के बिखरने के सपने देखना छोड़ दे। टिकैत ने कुंडली बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों को संबोधित करते हुए बुधवार को केंद्र सरकार को चेताया कि वह जाति-धर्म के नाम पर किसान को बांटने की साजिश बंद करे।
उन्होंने कहा कि किसान की कोई जाति नहीं होती है। किसान 36 बिरादरी में हैं और किसी ना किसी रूप से हर बिरादरी खेती से जुड़ी है, इसलिए भारतीय जनता पार्टी का यह षडयंत्र यहां नहीं चलेगा। वही, राकेश टिकैत ने सवाल किया, "दिल्ली में लाख से अधिक ट्रैक्टरों पर तीन लाख आदमी पहुंचे और किसी की साइकिल की हवा तक नहीं निकाली गई। यह अनुशासन नहीं तो क्या था। सरकार बताए कि रातोंरात लोगों को कैसे लाल किला तक पहुंचा दिया गया। इसकी निष्पक्ष एवं स्वतंत्र एजेंसी से जांच हो, तो सारी हकीकत लोगों के सामने होगी।"
उन्होंने कहा कि किसान किसी सूरत में रोटी को पूंजीपतियों की तिजौरी में कैद नहीं होने देंगे। इसके लिए किसान संघर्ष करने को तैयार हैं। टिकैत ने कहा कि अब की चार 40 लाख ट्रैक्टर आएंगे और दिल्ली को बता देंगे कि यह किसी एक इलाके का नहीं पूरे देश का आंदोलन है। उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त मोर्चा के सदस्य देशभर में घूम-घूम करके किसानों का आंदोलन खड़ा कर चुके हैं और अब इसे व्यापक रूप दिया जाएगा ताकि सरकार के कान पर जूं रेंगे और वह किसान की बात को सुने।
इसके अलावा भाकियू नेता ने दोहराया कि तीन कृषि कानून रद्द हों, एमएसपी पर गारंटी कानून बने, पराली और बिजली विधेयक वापस ले और निर्दोष लोगों की रिहाई की जाए। इससे कम में किसान बात करने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई किसान के साथ-साथ देश के गरीब, मजदूर और आमजन की है। वही, उन्होंने हरियाणा की खाप पंचायतों का उनके मदद और सहयोग के लिए आभार प्रकट किया।