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21 जून को लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानिए ग्रहण का समय और सावधानियों के बारे में !

21 जून को लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानिए ग्रहण का समय और सावधानियों के बारे में !

 

21 जून यानि रविवार को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह वलयकार होगा। यह ग्रहण आषाढ़ महीने की अमावस्या को पड़ रहा है इसलिए धार्मिक दृष्टि से यह सूर्य ग्रहण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसे में यह सूर्य ग्रहण पूरे भारत में 21 जून को सुबह 9:15 बजे से शुरू होकर दोपहर 3:04 बजे तक रहेगा। जबकि 10:17 पर पूर्ण सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) दिखाई दे सकता है यह ग्रहण करीब 6 घंटे लंबा होगा। वही, दोपहर 12:10 बजे ग्रहण अपने चरम प्रभाव में होगा। इसके अलावा यह सूर्य ग्रहण विश्व के कई देशों में दिखाई देगा, जिसमें से भारत, चीन, अफ्रिका, कांगो, इथोपिया, नेपाल, पाकिस्तान आदि हैं। 

क्या होता है सूर्य ग्रहण और कब होता है 

दरअसल, सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है। सूर्य ग्रहण तब होता है जब जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है और सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुंच पातीं हैं तो इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते हैं।  इस कारण सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी का संयोग (एक ही सीध में) एक दुर्लभ खगोलीय घटना के तौर पर दिखाई देता है। आपको बता दें कि ऐसा सूर्य ग्रहण 900 साल बाद लग रहा है। यह ग्रहण रविवार को है इसलिए इसे चूणामणि ग्रहण कहा गया है। पूर्ण सर्यू ग्रहण को रिंग ऑफ फायर ( Ring of Fire ) भी कहा जा रहा है। 

सूर्य ग्रहण काल में रखें ये सावधानियां 

- ग्रहणकाल में प्रकृति में कई तरह की अशुद्ध और हानिकारक किरणों का प्रभाव रहता है। इसलिए कई ऐसे कार्य हैं जिन्हें ग्रहण काल के दौरान नहीं किया जाता है।

- ग्रहणकाल में अन्न, जल ग्रहण नहीं करना चाहिए।

- ग्रहणकाल में स्नान न करें। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करें।

- वही, माना जाता है कि गर्भवती महिलाओं को इस दौरान कोई भी काम नहीं करना चाहिए।

- ग्रहण को खुली आंखों से न देखें। 

- ग्रहणकाल के दौरान गुरु प्रदत्त मंत्र का जाप करते रहना चाहिए।

- इसके अलावा ग्रहण के दौरान या पहले भोजन बना हुआ है तो उसे फेंकना नहीं चाहिए। बल्कि उसमें तुलसी के पत्ते डालकर उसे शुद्ध कर लेना चाहिए। ग्रहण के समाप्ति के बाद स्नान-ध्यान कर घर में गंगाजल छिड़कना चाहिए और फिर जाकर भोजन ग्रहण करना चाहिए। 

रविवार को लगेगा सूर्य ग्रहण का सूतक काल 

आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्री ग्रहण के 12 घंटे पहले और 12 घंटे बाद तक के समय को सूतक काल मानते हैं। इसका मतलब है कि सूतक काल 12 घंटे पहले यानी आज (20 जून) की रात 9:15 बजे से शुरू हो जाएगा और यह 22 जून को सुबह 9 बजे तक रहेगा। ऐसे में आज रात सूतक काल लगते ही मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे। 

सूतक काल के दौरान बरतें ये सावधानियां 

- धार्मिक व ज्योतिषीय दृष्टिकोण से सूतक काल में बालक, वृद्ध एवं रोगी को छोड़कर अन्य किसी को भोजन नहीं करना चाहिए। 

- खाद्य पदार्थों में तुलसी दल या कुशा रखनी चाहिए। 

- गर्भवतियों को खासतौर से सावधानी रखनी चाहिए।

- मान्यता है कि सूतक के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते।

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