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Chaitra Navratri 2024: मां को प्रसन्न करने के लिए इन चीजों का लगाएं भोग, परिवार को मिलेगा आशीर्वाद

Chaitra Navratri 2024: मां को प्रसन्न करने के लिए इन चीजों का लगाएं भोग, परिवार को मिलेगा आशीर्वाद

 

Navratri Puja 2024: चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ हो गया है, यह पावन पर्व 17 अप्रैल तक रहेंगे। चैत्र नवरात्रि के शुभारंभ होने के साथ ही नया हिंदू वर्ष भी आरंभ भी हो गया है। नवरात्रि के 9 दिन बहुत पवित्र माना जाता है, इन नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरुपों की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसे में 9 दिनों तक यदि आप हर दिन अलग-अलग देवी के मंत्रों का जाप करेंगे तो घर-परिवार में सुख शांति और समृद्धि आएगी और घर में शांति भी बनी रहेगी। 

ऐसे करें मां की पूजा, लगाएं प्रिय भोग

1. पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है, मां को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्रो का जाप करें और उनके प्रिय भोग अर्पित करें। 
मंत्र- ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः

प्रिय भोग- मां शैलपुत्री को सफेद और शुद्ध भोग्य खाद्य पदार्थ पसंद है। इसीलिए पहले मां शैलपुत्री को प्रसन्न करने के लिए सफेद चीजों का भोग लगाया। अगर घर परिवार को निरोगी जीवन और स्वस्थ शरीर चाहिए तो मां को गाय के शुद्ध घी से बनी सफेद चीजों का भोग लगाएं।

2. दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है, मां को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्रो का जाप करें और उनके प्रिय भोग अर्पित करें। 
मंत्र- ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः

प्रिय भोग-  मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना के दिन उन्हें मिश्री, चीनी और पंचामृत का भोग लगाएं। मां को मिश्री जैसा शुद्ध मीठा पसंद है और इस भोग के अर्पण से प्रसन्न होकर मां साधक को दीर्घायु और निरोगी जीवन का आशीर्वाद देती हैं।

3. तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है, मां को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्रो का जाप करें और उनके प्रिय भोग अर्पित करें। 
मंत्र- ॐ देवी चंद्रघण्टायै नमः

प्रिय भोग-  मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बनी चीजें पसंद है। इसलिए पूजा के समय मां को दूध और दूध से बनी वस्तुओं का भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद यही चीजें प्रसाद के रूप में जरुर बांट। ऐसा करने से मां प्रसन्न होगी और लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का नाश करेंगी और घर में सुख समृद्धि का वास होगा।

4. चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है, मां को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्रो का जाप करें और उनके प्रिय भोग अर्पित करें। 
मंत्र- ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः

प्रिय भोग-मां कुष्मांडा को मालपुआ पसंद है। मां को शुद्ध देसी घी में बने मालपुए का भोग लगाएं और पूजा के बाद इसे प्रसाद  के तौर पर किसी ब्राह्मण को दान कर दें। खुद भी खाएं और घरवालों को भी खिलाएं। प्रसन्न होकर मां घर और परिवार जनों की बुद्धि और निर्णय लेने की क्षमता का विकास करती है। खासकर विद्यार्थियों को इस दिन पूजा से बहुत बड़ा फल मिलता है।

5. पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है, मां को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्रो का जाप करें और उनके प्रिय भोग अर्पित करें। 
मंत्र- ॐ देवी स्कन्दमात्र्यै नमः

प्रिय भोग- मां स्कंदमाता को प्रसाद के रूप में केला पसंद है। इसीलिए इस दिन पूजा करके उन्हें केले का भोग लगाएं। चाहें तो दूसरे फल भी अर्पित कर सकते हैं। इसके बाद प्रसाद को सभी में बांट देना चाहिए। ऐसा करने से आपको उत्तम स्वास्थ्य और निरोगी काया की प्राप्ति होती है।

6. छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है, मां को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्रो का जाप करें और उनके प्रिय भोग अर्पित करें। 
मंत्र- ॐ देवी कात्यायन्यै नमः

प्रिय भोग- मां कात्यायनी को भोग में शहद पसंद है। इस दिन शुद्ध शहद का भोग लगाकर देवी का पूजन करें। खुद भी किसी न किसी रूप में शहद का सेवन जरूर करें। मां प्रसन्न होकर भक्तों को सुंदर रूप और निरोगी काया का वरदान देती हैं, सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।

7. सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है, मां को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्रो का जाप करें और उनके प्रिय भोग अर्पित करें। 
मंत्र- ॐ देवी कालरात्र्यै नमः

प्रिय भोग- सप्तमी तिथि की देवी मां कालरात्रि को भोग में गुड़ के नैवेद्य अर्पित करें। पूजा के बाद गुड़ को ब्राह्मण को दान कर दें और गुड़ के बने प्रसाद को वितरित कर दें। इससे लंबे समय से चले आ रहे शोक मिट जाते हैं और संकटों से रक्षा होती है।

8. आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है, मां को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्रो का जाप करें और उनके प्रिय भोग अर्पित करें। 
मंत्र- ॐ देवी महागौर्यै नमः

प्रिय भोग- अष्टमी का दिन मां महागौरी की पूजा-अर्चना का दिन है। इस दिन कई लोग कन्या पूजन भी करते हैं। मां को नारियल का भोग लगाएं। ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।  

9. नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है, मां को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्रो का जाप करें और उनके प्रिय भोग अर्पित करें। 
मंत्र- ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः

प्रिय भोग- नौंवे दिन यानी महानवमी को हलवे, चने और पूरी का भोग लगाना चाहिए और कन्या पूजन के समय वही प्रसाद कन्याओं को वितरित करना चाहिए। दुर्गा मां को हलवा पूरी का प्रसाद प्रिय है और नवमी को हुए परायण से साधक को हर तरह से सुख संपन्नता का वरदान मिलता है।

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