साल भर में नवरात्रि चार बार आती है। जिसमें से दो मुख्य नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि होती हैं। माघ व आषाढ़ महीने में मनाई जाने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। वहीं, अश्विन व चैत्र मास में प्रमुख नवरात्रि आती हैं। नवरात्रि में नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। जबकि आषाढ़ मास में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि मां दुर्गा (Maa Durga) के उपासकों के लिए बेहद खास होती है। आषाढ़ मास के नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की गुप्त तरीके से उपासना की जाती है। इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं। इस साल गुप्त नवरात्रि 30 जून यानी गुरुवार से शुरू हो रही हैं।
क्या है घटस्थापना का शुभ मुहूर्त-
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, मां आदि शक्ति को समर्पित त्योहार गुप्त नवरात्रि आषाढ़ महीने की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होगा। 29 जून को सुबह 08 बजकर 21 मिनट से 30 जून की सुबह 10 बजकर 49 मिनट तक प्रतिपदा तिथि बनी रहेगी। वहीं, घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 30 जून को सुबह 05 बजकर 26 मिनट से सुबह 06 बजकर 43 मिनट तक ही रहेगा।
गुप्त नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा को लगाएं भोग-
मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा नौ दिनों तक की जाएगी। इन दिनों मां को उनका प्रिय भोग लगाने से वह प्रसन्न होती हैं। गुप्त नवरात्रि के पहले दिन गाय के घी से बनी सफेद चीजों व मिठाइयों का भोग लगाएं। इस दिन मां के चरणों में गाय का घी अर्पित करने से घर में सुख-शांति व खुशहाली का वास होता है।
जानें गुप्त नवरात्रि में क्या नहीं करना चाहिए-
* किसी का भी बुरा न सोचें।
* तामसिक भोजन बिल्कुल न करें।
* किसी का भी नुकसान करने के उद्देश्य से मां की पूजा न करें।
* लहसुन-प्याज न खाएं।
* गुस्सा न करें।
* वाद-विवाद से बचें।