प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Dham) के लिए यह पहली देव दीपावली है। काशी में इस बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन (8 नवंबर) चंद्र ग्रहण की वजह से देव दीपावली 7 नवंबर को मनाई जा रही है। जिसको लेकर सारी तैयारियां पूरी हो गई है। काशी के पूरे धाम को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। देव दीपावली पर विश्वनाथ धाम लाख-दो लाख के फूलों से नहीं बल्कि 80 लाख के फूलों से सजाया जाएगा।
इस बार की देव दीपावली इसलिए खास है क्योंकि कोविड के बाद पूरी तरह से मिली छूट के साथ देव दीपावली मनाई जा रही है। काशी में यह पर्व देवताओं की दीपावली के तौर पर यानी देव दिवाली के नाम से मनाने की परंपरा काफी पुरानी है। यह परंपरा काशी के पंचगंगा घाट से 1985 में शुरू हुई। बता दें कि यह परंपरा आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है। अब न केवल तमाम समितियां बल्कि शासन-प्रशासन भी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते है। इस बार 7 नवंबर की शाम को ही काशी के सभी अर्धचंद्राकार 84 गंगा घाट और उसके पार भी 10 लाख दीपक सजाए जाएंगे। इसे देखने केवल स्थानीय ही नहीं बल्कि देश-दुनिया से लाखों की संख्या में सैलानी आएंगे।
गंगा घाटों पर जलेंगे 10 लाख दीपक (10 lakh lamps will be lit on the Ganga Ghats)
देव दीपावली पर वाराणसी और विंध्याचल मंडल की उप निदेशक पर्यटन प्रीति श्रीवास्तव ने बताया कि दो वर्षों से बहुत कम संख्या में लोग बाहर निकल पाए थे। इसलिए इस साल बड़ी संख्या में पर्यटक वाराणसी आ रहें हैं। साथ ही काशी विश्वनाथ धाम बनने के बाद यह एक बड़ा मौका है, जिसके लिए बड़े स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। इस बार गंगा घाटों पर दस लाख दीपक जलाए जाएंगे और कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। पर्यटन विभाग द्वारा पहली बार काशी में 3D प्रोजेक्शन मैपिंग शो लाया गया है। यह शो चेतसिंह घाट पर आयोजित होगा। इसमें गंगा अवतरण की कथा दिखाई जाएगी और शिव स्तुति के साथ लेजर शो होगा।
गंगा महोत्सव का आयोजन (Ganga Mahotsav organized)
वाराणसी और विंध्याचल मंडल की उप निदेशक पर्यटन प्रीति श्रीवास्तव ने आगे बताया कि देव दीपावली के पहले गंगा महोत्सव का आयोजन भी हो रहा है। यह शास्त्रीय संगीत पर आधारित है। उन्होंने कहा कि यह समय पर्यटकों के लिए बहुत ही अच्छा अवसर है। कोविड के समय पर्यटन उद्योग को जितनी क्षति पहुंची थी उसकी भरपाई डोमेस्टीक टूरिज्म ने कर दी। अब पर्यटन उद्योग मंदी से बाहर आ गया है।