उत्तराखंड में तीर्थयात्रियों की हार्ट अटैक (Heart Attack) से मौत के मामले दो दिन थमने के बाद अब फिर शुरू हो गए हैं। गुरुवार देर रात को यमुनोत्री धाम (Yamunotri Dham) से लौट रहे एक तीर्थयात्री की हार्ट अटैक से अचानक मौत हो गई। जबकि एक तीर्थयात्री की घोड़े से गिरने के कारण मौत हो गई।
इन दो लोगों में मिलकर अब यमुनोत्री धाम में तीर्थ यात्रियों की हार्ट अटैक से मौत का आंकड़ा 12 तक पहुंच गया है। एक तीर्थ यात्री की घोड़े से गिरकर चोटिल होने के कारण मौत हुई है। वहीं गंगोत्री धाम में अब तक हार्ट अटैक से तीन लोगों की जान जा चुकी है। दोनों धामों में मौत का आंकड़ा 16 तक पहुंच चुका है।
गुरुवार को यमुनोत्री धाम के दर्शन कर लौट रहे तीर्थ यात्री प्रकाश चंद को राम मंदिर के पास सांस लेने में कुछ तकलीफ हुई। उन्हें इलाज के लिए जानकी चट्टी (Janki Chitti) लाया गया। यहां डॉक्टरों ने प्रकाश चंद को मृत घोषित कर दिया।
वहीं एक तीर्थयात्री बाबू प्रसाद निवासी चंपारण बिहार बंदेलीगाड़ पुल के पास घोड़े से गिरकर चोटिल हो गया। जिसे इलाज के लिए जानकी चट्टी पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने इसे भी मृत घोषित कर दिया। थाना बड़कोट प्रभारी निरीक्षक गजेंद्र बहुगुणा ने इस पर बताया कि शवों को उनके परिजनों को सही सलामत सौंप दिया गया है।
गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ शुरू हुई यात्रा
मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित केदारनाथ मंदिर चार प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक है जिसे 'चार धाम' कहा जाता है जिसमें यमुनोत्री, गंगोत्री और बद्रीनाथ भी शामिल हैं। आठवीं शताब्दी ईस्वी में जगद्गुरु आदि शंकराचार्य द्वारा निर्मित, केदारनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। वार्षिक चारधाम यात्रा 3 मई को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ शुरू हुई। बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 8 मई को खोले गए हैं। इस महीने की शुरुआत में राज्य सरकार ने चार धामों में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या को सीमित किया है।