चंडीगढ़: जेलों के भीतर कैदियों द्वारा मोबाइल फोन के इस्तेमाल की बात किसी से छुपी नहीं है। हालांकि, जेल प्रशासन इस बात से इनकार करता आया है। ताजा मामला पंजाब का है। यहां की जेलों में बंद कैदियों की हिम्मत देखिए कि नवनिर्वाचित मंत्री को ही फोन कर जेल मंत्री बनाए जाने की बढ़ाई दे दी।
दरअसल, सुखजिंदर सिंह रंधावा को 21 अप्रैल को जेल मंत्री नियुक्त किया गया। इसके बाद उन्हें मंगलवार को केंद्रीय जेल कपूरथला से दो कैदियों ने जेल के भीतर से फोन कर बधाई दी। मंत्री ने खुद इस बात की पुष्टी भी की है। इस वाकये के बाद से पंजाब जेल प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है।
जेल मंत्री ने खुद इस बात की पुष्टि की और कहा कि उन्हें मंगलवार को यह फोन आया था। उन्होंने इसके बारे में ज्यादा बताने से इन्कार किया। रंधावा ने कहा कि जेलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल को रोकना उनकी प्राथमिकता है।
जेल से मोबाइल या अन्य सामान मिलने पर कैदी व हवालाती पर कार्रवाई की बजाय जेल सुपरिंटेंडेंट पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, इस मामले में उन्होंने कपूरथला जेल के सुपरिंटेंडेंट को पहली बार चेतावनी देकर छोड़ दिया है। वहीं, डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ललित कोहली ने ऐसी घटना से इन्कार किया। रंधावा ने कहा कि जेलों में मोबाइल का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है। नाभा, गुरदासपुर, कपूरथला और पटियाला जेल संवेदनशील जेलें हैं। जेलों में बंद हवालाती को अदालत में पेश करने की बजाय उनकी वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी का फैसला किया गया है। हाईकोर्ट ने पटियाला जेल में अदालत लगाने की आज्ञा भी दे दी है। उन्होंने कहा कि अति गंभीर मामलों में बंद कैदियों को एक जेल से दूसरी जेल में बदलने की आज्ञा नहीं दी जाएगी।