नई दिल्ली। आम चुनाव में अब कुछ ही महीने बचे हैं। ऐसे में अयोध्या में मंदिर निर्माण का मुद्दा गरम हो गया है। मंदिर-मस्जिद को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां हमलावर हैं। अपने तीखे बयानों के लिए जाने जाने वाले कांग्रेस के सीनियर लीडर मणिशंकर अय्यर ने एक बार फिर राम मंदिर को लेकर बयान दिया है। राजधानी दिल्ली में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम 'एक शाम बाबरी मस्जिद के नाम' में बोलते हुए कहा कि भाजपा और संघ इसपर सियासत कर रही है।
अब तक मणिशंकर अय्यर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी को लेकर बोलते थे लेकिन इस बार उन्होंने भगवान राम के अयोध्या में होने और ना होने के अस्तित्व को चुनौती दे दी है। मणिशंकर अय्यर के इस रामायण ज्ञान पर अब महाभारत तय है।
मणिशंकर अय्यर का कहना है कि महाराज दशरथ के महल में 1000 कमरे थे और ये जरुरी तो नहीं जहां भगवान राम ने जन्म लिया वो विवादित स्थल ही है। अब इस बयान पर सोशल मीडिया पर गदर मचा हुआ है। बीजेपी वाले मणिशंकर अय्यर से पूछ रहे हैं कि आपके बर्थ सर्टिफिकेट में कमरे का भी जिक्र है क्या?
ये पहली बार नहीं है जब मणिशंकर अय्यर ने अपने बयानों से कांग्रेस का सबसे ऊंचा तख्त हिला दिया हो। पिछले साल अप्रैल में पार्टी अय्यर से इतनी नाराज हो गई कि उनकी प्राथमिक सदस्यता तक छीन ली थी लेकिन इसके बाद भी मणिशंकर अय्यर का मन नहीं बदला है। इस बार मणिशंकर अय्यर की जुबान से ऐसे मुद्दे पर विवादित बोल निकला है जो करोड़ों हिंदुओं की आस्था से जुड़ा है।
मणिशंकर अय्यर कांग्रेस के पुराने नेता हैं और उनके बयानों को ना बीजेपी हल्के में लेती है और ना कांग्रेस। फर्क सिर्फ ये है कि हर बार फायदा बीजेपी को और नुकसान कांग्रेस को होता है। अयोध्या मामले पर कांग्रेस के बड़े नेता भी बचकर बोलते हैं लेकिन मणिशंकर अय्यर ने जो कहा है उससे बचकर निकलने के कांग्रेस के पास दो ही रास्ते हैं। या तो बयान से किनारा कर ले या फिर मणिशंकर अय्यर को फिर से कांग्रेस से किनारा कर दे।