दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कोरोना वायरस को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि वर्तमान समय में दिल्ली में लॉकडाउन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए शहर में हॉटस्पॉट में कोई छूट नहीं दी जाएगी और 27 अप्रैल को एक समीक्षा बैठक फिर से आयोजित की जाएगी।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार का कहना है कि जो हॉटस्पॉट और कंटेनमेंट जोन हैं उनमें ढील फिलहाल नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि दिल्ली में 11 जिले हैं और 11 के 11 जिले हॉटस्पॉट घोषित किए गए हैं। केंद्र सरकार के मुताबिक कंटेनमेंट जोन में ढील नहीं दी जा सकती इसलिए फिलहाल दिल्ली में कड़ाई से लॉकडाउन का पालन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, 'आज की तारीख में दिल्ली में 77 कंटेनमेंट जोन हैं। दिल्ली में कोरोना तेजी से फैल रहा है, लेकिन अभी स्थिति नियंत्रण के बाहर नहीं है। आज दिल्ली में 1,893 केस हैं इनमें से 26 ICU में हैं और 6 वेंटिलेटर पर हैं। कल हमारे पास 736 टेस्ट की रिपोर्ट आई, उनमें से 186 कोरोना के मरीज निकले। इन 186 मरीजों में से किसी को कोरोना के लक्षण नहीं थे।'
उन्होंने कहा कि दिल्ली में बीते कुछ दिनों में ऐसे केस आए हैं जिन मरीजों में कोरोना वायरस का कोई लक्षण नहीं था। न तो उन्हें बुखार था और ना ही खांसी, लेकिन वो कोरोना संक्रमित थे। वो औरों को भी कोरोना बांट रहे थे। ये बहुत खतरनाक स्थिति है। हमारे लिए चिंता की बात है।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में पूरे देश की 2 प्रतिशत जनसंख्या रहती है लेकिन पूरे देश में कोरोना के जितने मामले हैं उसके 12 प्रतिशत दिल्ली में हैं। कोरोना की सबसे अधिक मार दिल्ली को झेलनी पड़ी। उन्होंने कहा 'अपने दिल्लीवासियों की जिंदगी का ख्याल रखते हुए हमने फैसला लिया है कि फिलहाल लॉकडाउन की शर्तों में कोई ढिलाई नहीं दी जाएगी। एक हफ्ते बाद हम दोबारा विशेषज्ञों के साथ बैठकर इसकी समीक्षा करेंगे और जरूरत पड़ी तो ढिलाई दे सकते हैं।'