किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे होने के अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर आज देशभर में किसान 'काला दिवस' मनाएंगे और जगह-जगह धरने-प्रदर्शन करेंगे। इस प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए बड़ी तादाद में यूपी, हरियाणा और पंजाब से किसानों के नए जत्थों के दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचने का सिलसिला जारी है।
वहीं,दिल्ली पुलिस के सामने सबसे बड़ी चिंता यह है कि कहीं किसान 26 जनवरी की तरह दिल्ली पर चढ़ाई करके कानून व्यवस्था की धज्जियां न उड़ा दें। इसके साथ ही भीड़ बढ़ने के साथ ही कोरोना वायरस का खतरा बढ़ने की भी आशंका है। हालांकि, अभी दिल्ली में लॉकडाउन भी चल रहा है, ऐसे में भीड़ इकट्ठी करने और किसी भी तरह के धरने-प्रदर्शन की इजाजत नहीं है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि 26 जनवरी की घटना से दिल्ली पुलिस को जो सबक मिले हैं, तो पुलिस अपनी तरफ से पूरी तैयारी रखेगी।
आपको बता दें कि किसान नेता दिल्ली के बॉर्डर्स पर काला झंडा फहरा कर विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा कर चुके हैं। इसके अलावा पुलिस के पास ऐसा भी इनपुट है कि सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर से किसानों के कुछ जत्थे विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश कर सकते हैं। इसे देखते हुए मंगलवार से ही दिल्ली के तीनों बॉर्डर्स पर, जहां पिछले 6 महीने से किसान डटे हुए हैं, पुलिस का पहरा बढ़ा दिया गया है। बॉर्डर पर और आस-पास के अन्य इलाकों में बड़े पैमाने पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया जाएगा।
इसके साथ ही बॉर्डर पर बड़ी तादाद में मौजूद महिला प्रदर्शनकारियों को देखते हुए काफी संख्या महिला पुलिस बल को भी तैनात किया गया है। इसके अलावा नई दिल्ली के तमाम संवेदनशील इलाकों, जैसे कि संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, विजय चौक, इंडिया गेट, पीएम हाउस, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री के आवास समेत अन्य प्रमुख जगहों पर भी बुधवार को कड़ी चौकसी रखी जाएगी। सड़कों पर पिकेट्स भी टाइट किए जाएंगे और बाहर निकले लोगों से भी कड़ी चेकिंग और पूछताछ की जाएगी, ताकि आम लोगों के भेष में किसानों के गुट दिल्ली में इकट्ठा होने की कोशिश न करें।