सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों के बच्चों को डॉक्टर बनने का सपना पूरा करने का एक मौका दिया है। नोटिफिकेशन के अनुसार प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अब एमबीबीएस और पीजी कोर्सेज के लिए ईडब्ल्यूएस (इकोनॉमिक वीकर सेक्शन) कैटेगरी में 10 फीसदी सीट बढ़ाते हुए रिजर्व करने की व्यवस्था बनाई जाएगी।
सरकार ने प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों से वर्तमान कोर्सेज, सीट की संख्या, इंफ्रास्ट्रक्चर सहित अन्य बिंदुओं पर ब्योरा मांगा हुआ है। हेल्थ यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. ओपी कालरा और पीजीआई के निदेशक डॉ. रोहताश कंवर यादव ने जल्द ब्योरा उपलब्ध कराने के लिए पत्र जारी कर दिया है। पीजीआईएमएस में एमबीबीएस के लिए इसी सत्र से 10 फीसदी सीटें ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लिए बढ़ा दी जाएंगी। एमडी कोर्स के लिए ईडब्ल्यूएस के लिए 10 फीसदी सीट अगले सत्र में बढ़ेंगी। हेल्थ यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आने वाले स्टूडेंट्स के लिए 10 फीसदी सीट बढ़ाने के लिए पीजीआईएमएस, खानपुर, मेवात, करनाल के मेडिकल कॉलेज प्रशासन को पत्र लिखा है।
रोहतक पीजीआईएमएस के निदेशक डॉ. रोहतास कंवर यादव ने बताया कि नए नोटिफिकेशन के अनुसार ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में 10 फीसदी बढ़ाने के आदेश हैं। इसके लिए प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पत्र भेजकर ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा है। 10 फीसदी सीट बढ़ने से निश्चित तौर पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों से आने वाले मेधावी स्टूडेंट्स को राहत मिलेगी।
पीजीआईएमएस में वर्ष 1961 में पीजी कोर्सेज में 50 सीटों से दाखिला शुरू हुआ था। धीरे-धीरे संस्थान ने तरक्की करते हुए अब पीजी, एमबीबीएस कोर्सेस में सीटों की संख्या 200 तक पहुंचा दी। ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में 10 फीसदी सीट बढ़ने के साथ ही पीजीआईएमएस में सीटों की संख्या 220 हो जाएगी। इन सीटों के बढ़ने के साथ ही पीजीआईएमएस प्रशासन को संसाधनों में भी इजाफा करना होगा।