उत्तराखंड स्थित भगवान शिव के ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम के कपाट बुधवार सुबह पहली बार बिना किसी शोर शराबे के केवल वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खोले गए। मंदिर के कपाट प्रात: 6:10 पर विधि विधान और पूजा अर्चना से खोले गए। कपाट खुलने के बाद सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से रूद्राभिषेक पूजा संपन्न कराई गई। वही, कपाट खुलने के मौके पर यहां तीर्थयात्री और स्थानीय लोगों की कमी साफ देखी गई।
आपको बता दें कि कोराना संकट के चलते यह पहला मौका है जब कपाट खुलने पर बाबा के दरबार में भक्तों का टोटा नहीं था। मंदिर में भोर तीन बजे से विशेष पूजा-अर्चना हुई। मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग द्वारा बाबा की समाधि पूजा के साथ अन्य सभी धार्मिक औपचारिकताएं पूरी की गईं। इसके बाद तय समय पर सुबह 6 बजकर 10 मिंट पर केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए गए।
Uttarakhand: Portals of the Kedarnath temple were opened at 6:10 am today. 'Darshan' for the devotees is not allowed at the temple as of now. https://t.co/v4Cj8RQja9 pic.twitter.com/jn5vUBN42N
— ANI (@ANI) April 29, 2020
वही, देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया, 'सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए पुजारी शिवशंकर लिंग ने भगवान केदारनाथ जी का जलाभिषेक किया गया। कपाट खुलने के बाद सर्व प्रथम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से रूद्राभिषेक पूजा संपन्न की गई।'
उन्होंने आगे बताया, 'कपाट खुलने के उपलक्ष्य में ऋषिकेश के दानीदाता सतीश कालड़ा द्वारा केदारनाथ मंदिर को 10 क्विंटल गैंदा, गुलाब एवं अन्य फूलों से सजाया गया था। रात्रि को मंदिर बिजली की रोशनी से जगमगा रहा था। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के दौरान पिछले वर्षो की भांति सेना का बैंड शामिल नहीं हुआ और बेहद सादगी के साथ मंदिर के कपाट खुले।'
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