होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
बिजनेस
मनोरंजन
सेहत
नॉलेज
फैशन/लाइफ स्टाइल
अध्यात्म

 

घर के वास्तुदोष के कारण हो सकती हैं ये बीमारियां, जानें क्या कहता है वास्तु का नियम

घर के वास्तुदोष के कारण हो सकती हैं ये बीमारियां, जानें क्या कहता है वास्तु का नियम

 

घर के निर्माण के लिए बेहद जरुरी है की आप का घर वास्तु दोष से मुक्त हो, यदि आपके घर में वास्तु दोष होगा तो ये आपके स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकता है। वास्तु दोष से मुक्ति के लिए पंचतत्व पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु एवं आकाश चारों दिशाएं पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण का संतुलन में रहना जरुरी है।

इसके साथ ही वास्तु के कुछ नियमों का ठीक ढंग से पालन किया जाए तो घर में रहने वाले सभी लोग स्वस्थ रह सकते हैं। आइए जानते हैं अगर घर को निर्माण वास्तु के नियमों के अनुसार नहीं बनाया जाएं तो कौन- कौन सी बीमारी हो सकती हैं।

उदर रोग

हर घर में उत्तर पूर्वी भाग का संबंध जल तत्व से होता है। इसलिए घर के उत्तर पूर्व को जितना खुला और हल्का रखेंगे उतना ही घर में रहने वाले लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। इस दिशा में रसोई का निर्माण अशुभ है रसोई निर्माण करने पर उदर जनित रोगों का सामना करना पड़ता है। 

नींद नहीं आने की बीमारी

वास्तुशास्त्र के अनुसार पूर्व दिशा में भारी निर्माण हो तथा पश्चिम दिशा एकदम खाली व निर्माण रहित हो तो अनिद्रा का शिकार होना पड़ सकता है। उत्तर दिशा में भारी निर्माण होने से दक्षिण और पश्चिम दिशा निर्माण रहित होने से भी ऐसी स्थिति उत्त्पन्न होती है।

दिल और हड्डियों के रोग

दक्षिण-पश्चिम दिशा में प्रवेश द्वार या हल्की चार दीवारी अथवा खाली जगह होना शुभ नहीं माना जाता। ऐसा होने से हार्ट अटैक, लकवा, हड्डी एवं स्नायु जैसे रोग होने की संभावना हैं। 

गैस एवं रक्त संबंधी रोग

दीवारों पर पेंट कराते समय भी ध्यान देना चाहिए। काला और गहरा नीला रंग पेट में गैस, हाथ-पैरों में दर्द ,नारंगी या पीला रंग ब्लड प्रेशर जैसे रोग होने की संभावना होती है। ज्यादा गहरा लाल रंग रक्त विकार या दुर्घटना का कारण बन सकता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए दीवारों पर हल्के एवं सात्विक रंगों का प्रयोग करना चाहिए। 

जोड़ों का दर्द, गठिया, कमर दर्द

वास्तु शास्त्र के अनुसार ध्यान रहे कि आपके भवन की दीवारें एकदम सही सलामत हों। घर की दीवार में कहीं भी दरार या दाग धब्बे या रंग उड़ा हुआ नहीं होना चाहिए। वरना वहां रहने वालों में जोड़ों का दर्द, गठिया, कमर दर्द, सायटिका जैसे बीमारी होने का खतरा हैं।


संबंधित समाचार