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लो आ गई सावन की शिवरात्रि, जानें जलाभिषेक करने का सबसे शुभ समय

लो आ गई सावन की शिवरात्रि, जानें जलाभिषेक करने का सबसे शुभ समय

 

भगवान शिव का महीना सावन अत्यंत पवित्र माना जाता है. बाबा धाम से पैदल कांवड़ लाकर शिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है. ये एक बहुत ही पुण्यकर्म माना जाता है. सावन की शिवरात्रि को सच्चे मन से भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाए तो हर मनोकामना पूरी होती है और आज भगवान शिव की शिवरात्रि है.

 

पंडितों का कहना है कि इस साल शिवरात्रि पर एक शुभ संयोग बन रहा है. सच्चे मन से भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने से शुभ फल प्राप्त होगा. धर्मगुरूओं के अनुसार, साल में 12 शिवरात्रि होती हैं. लेकिन इनमें से महाशिवरात्रि और सावन की शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है. अगर कोई महिला या युवती 16 सोमवार के बाद शिवरात्रि का व्रत रखती है तो उसके कष्टों का निवारण भी होता है.

 

आज शिवरात्रि के साथ-साथ प्रदोष व्रत भी है. प्रदोष काल में मां पार्वती और भोलेनाथ का व्रत रखने से सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है. पुराणों में कहा गया है कि त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस दिन भोलेनाथ और पार्वती का व्रत रखा जाता है. दोनों का पूजन इस दिन शुभ माना जाता है.

 

शाम 7.06 बजे सूर्यास्त से 9.01 बजे तक प्रदोष का समय है. प्रदोष काल में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करना अति लाभकारी होगा. रात 10.45 बजे त्रयोदशी की समाप्ति है. जलाभिषेक के लिए आज सुबह चार से 8.45 का समय शुभ माना गया है.

 


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