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इधर पढ़ें अष्टमी और नवमीं पूजन का शुभ मुहूर्त और विधि विधान

इधर पढ़ें अष्टमी और नवमीं पूजन का शुभ मुहूर्त और विधि विधान

 

10 अक्टूबर से शुरू हुए नवरात्रि का महापर्व समापन की तरफ है. आज यानी 17 अक्टूबर को भारत में शारदीय नवरात्रि की अष्टमी धूम-धाम से  मनाई जा रही है और कल मनाई जाएगी नवमीं. अष्टमी और नवमीं में कन्या की पूजा की जाती है. अष्टमी और नवमीं वाले दिन कन्याओं को हलवा, पूरी और चने का भोग लगाने के साथ-साथ उन्हें तोहफे और लाल चुनरी उड़ाना शुभ माना जाता है.

 

अष्टमी में कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त

-सुबह 6 बजकर 28 मिनट से 9 बजकर 20 मिनट तक.

-सुबह 10 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक.

 

नवमीं में कन्‍या पूजन का शुभ मुहूर्त

-सुबह 6 बजकर 29 मिनट से 7 बजकर 54 मिनट तक.

-सुबह 10 बजकर 46 मिनट से दोपहर 3 बजकर 3 मिनट तक.

 

कन्या पूजन की विधि

सुबह उठकर स्नान करने के बाद भगवान गणेश की पूजा करें. इसके बाद अष्टमी के दिन महागौरी का नमन करें और नवमीं के दिन सिद्धिदात्री का. अपने घर में कन्याओं को पूजन के लिए बुलाएं और माता के जयकारे लगाएं. इसके बाद उनके पैर धोकर उनके माथे पर रोली, कुमकुम और अक्षत का टीका लगाएं. कन्याओं के हाथों में मोली बांधे. सभी कन्याओं को घी के दीपक दिखाकर आरती उतारें. आरती के बाद कन्याओं को पूरी, हलवा और चने का बना प्रसाद खिलाएं. भोग के बाद कन्याओं को भेंट और उपहार दें और उनके पैर छूकर उन्हें घर से विदा करें.

 

 


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