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रामलीला महासंघ का पीएम मोदी को पत्र, दिल्ली में तालिबानी सोच लाद रहे है दिल्ली के आला अफ़सर

रामलीला महासंघ का पीएम मोदी को पत्र, दिल्ली में तालिबानी सोच लाद रहे है दिल्ली के आला अफ़सर

 

नई दिल्ली। दिल्ली में पिछले कुछ अरसे से धार्मिक गतिविधियों पर मनचाहे ढंग से बैन लगाने की कार्रवाई को रामलीला महासंघ के कार्यकारी प्रेसिडेंट अशोक अग्रवाल ने दिल्ली में उच्च पदों पर आसीन सरकारी अफ़सरों की कट्टर तालिबानी सोच का परिणाम बताया है। प्रधानमंत्री और होम मिनिस्टर को लिखे खुले पत्र में अशोक अग्रवाल ने कहा कि एक और देश में लगातार कम होते कोरोना के मामलों की वजह से कटरा वैष्णोदेवी से लेकर मथुरा में बाँके बिहारी जी के मंदिर खुले है, चार धाम और हेमकूँट की यात्रा शुरू हो चुकी है वहीं, दिल्ली में आला अफ़सरों की इस तालिबानी सोच के चलते क्लब, अम्यूज़मेट पार्क, बार, सिनेमाघर, विकली बाज़ार, सभी मेन मार्केट, मेट्रो, बसें, वाइन शॉप, स्कूल तक खुल चुके है, दिल्ली के सभी मंदिर आम जनता के लिए बंद पड़े है तो अब बंगला साहिब गुरदवारा भी बंद कर दिया गया है, अफ़सरशाही की यह तालिबानी सोच दिल्ली और देश की जनता के एक बड़े वर्ग को सरकार विरोधी बनाने में लगी है।

इस वर्ष भी अबतक रामलीला मंचन की अनुमति नहीं दी है, ऐसे में पीएम और होम मिनिस्टर तुरंत प्रभाव से दिल्ली को इन तालिबानी सोच वाली सरकारी लॉबी के अफ़सरों से मुक्ति दिलाए और दिल्ली में रामलीला मंचन को तुरंत अनुमति प्रदान करने के साथ साथ सभी मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थानों को आम लोगों के लिए पूजा अर्चना के लिए खोलने के आदेश दे। 

इन्हीं मांगों और दिल्ली में रामलीला मंचन को तुरंत अनुमति प्रदान करने की माँग के साथ रामलीला महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल महासंघ के सचिव अर्जुन कुमार केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर से अकबर रोड स्थित उनके निवास स्थान पर मिला और उन्हें गदा और लीला की स्मारिका भेंट की और उन्हें रामलीला में परिवार सहित आने का न्योता भी दिया।


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