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नई शिक्षा नीति पर PM मोदी ने देश को किया संबोधित, पढ़े भाषण की बड़ी बातें

नई शिक्षा नीति पर PM मोदी ने देश को किया संबोधित, पढ़े भाषण की बड़ी बातें

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि कैसे ये शिक्षा नीति देश को विकास और सशक्त बनाने में मदद करेगी। पीएम ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद देश के किसी भी क्षेत्र से, किसी भी वर्ग से ये बात नहीं उठी कि इसमें किसी तरह का पूर्वाग्रह है, या किसी एक ओर झुकी हुई है।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में आज का ये event बहुत महत्वपूर्ण है। इस कॉन्क्लेव से भारत के Education World को National Education Policy- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि जितनी ज्यादा जानकारी स्पष्ट होगी फिर उतना ही आसान इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति का Implementation भी होगा। 3-4 साल के व्यापक विचार-विमर्श के बाद, लाखों सुझावों पर लंबे मंथन के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति को स्वीकृत किया गया है।

पीएम मोदी ने कहा, 'आज देशभर में इसकी व्यापक चर्चा हो रही है। अलग-अलग क्षेत्र के लोग, अलग-अलग विचारधाराओं के लोग, अपने views दे रहे हैं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति को Review कर रहे हैं। ये एक Healthy Debate है, ये जितनी ज्यादा होगी, उतना ही लाभ देश की शिक्षा व्यवस्था को मिलेगा।'

उन्होंने आगे कहा कि ये भी खुशी की बात है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद देश के किसी भी क्षेत्र से, किसी भी वर्ग से ये बात नहीं उठी कि इसमें किसी तरह का Bias है, या किसी एक ओर झुकी हुई है। इस दौरान पीएम ने कहा, 'कुछ लोगों के मन में ये सवाल आना स्वभाविक है कि इतना बड़ा Reform कागजों पर तो कर दिया गया, लेकिन इसे जमीन पर कैसे उतारा जाएगा। यानि अब सबकी निगाहें इसके Implementation की तरफ हैं।' 

उन्होंने कहा, 'आप सभी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के implementation से सीधे तौर पर जुड़े हैं और इसलिए आपकी भूमिका बहुत ज्यादा अहम है। जहां तक Political Will की बात है, मैं पूरी तरह कमिटेड हूं, मैं पूरी तरह से आपके साथ हूं।' मोदी ने कहा कि हर देश, अपनी शिक्षा व्यवस्था को अपनी National Values के साथ जोड़ते हुए, अपने National Goals के अनुसार Reform करते हुए चलता है। मकसद ये होता है कि देश का Education System, अपनी वर्तमान औऱ आने वाली पीढ़ियों को Future Ready रखे, Future Ready करे।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति का आधार भी यही सोच है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 21वीं सदी के भारत की, नए भारत की Foundation तैयार करने वाली है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'बीते अनेक वर्षों से हमारे Education System में बड़े बदलाव नहीं हुए थे। परिणाम ये हुआ कि हमारे समाज में Curiosity और Imagination की Values को प्रमोट करने के बजाय भेड़ चाल को प्रोत्साहन मिलने लगा था।' उन्होंने कहा कि हमारे students में, हमारे युवाओं में Critical और Innovative ability विकसित कैसे हो सकती है, जबतक हमारी शिक्षा में Passion ना हो, Philosophy of Education ना हो, Purpose of Education ना हो। 

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 'आज गुरुवर रबीन्द्रनाथ ठाकुर की पुण्यतिथि भी है। वो कहते थे - "उच्चतम शिक्षा वो है जो हमें सिर्फ जानकारी ही नहीं देती बल्कि हमारे जीवन को समस्त अस्तित्व के साथ सद्भाव में लाती है।" निश्चित तौर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति का बृहद लक्ष्य इसी से जुड़ा है।' उन्होंने कहा कि आज मुझे संतोष है कि भारत की नेशनल एजुकेशन पॉलिसी- राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बनाते समय, इन सवालों पर गंभीरता से काम किया गया। बदलते समय के साथ एक नई विश्व व्यवस्था खड़ी हो रही है। एक नया Global Standard भी तय हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इसके हिसाब से भारत का एजुकेशन सिस्टम खुद में बदलाव करे, ये भी किया जाना बहुत जरूरी था। School Curriculum के 10+2 structure से आगे बढ़कर अब 5+3+3+4 curriculum का structure देना, इसी दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा, 'जड़ से जग तक, मनुज से मानवता तक, अतीत से आधुनिकता तक, सभी बिंदुओं का समावेश करते हुए, इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति का स्वरूप तय किया गया है।' पीएम ने बताया कि इस बात में कोई विवाद नहीं है कि बच्चों के घर की बोली और स्कूल में पढ़ाई की भाषा एक ही होने से बच्चों के सीखने की गति बेहतर होती है। ये एक बहुत बड़ी वजह है जिसकी वजह से जहां तक संभव हो, 5th class तक, बच्चों को उनकी मातृभाषा में ही पढ़ाने पर सहमति दी गई है।

देश को संबोधत करते हुए उन्होंने कहा कि अभी तक जो हमारी शिक्षा व्यवस्था है, उसमें What to Think पर फोकस रहा है। जबकि इस शिक्षा नीति में How to think पर बल दिया जा रहा है। ये मैं इसलिए कह रहा हूं कि आज जिस दौर में हम हैं, वहां Information और Content की कोई कमी नहीं है।

पीएम ने कहा कि अब कोशिश ये है कि बच्चों को सीखने के लिए Inquiry-based, Discovery-based, Discussion based, और analysis based तरीकों पर जोर दिया जाए। इससे बच्चों में सीखने की ललक बढ़ेगी और उनके क्लास में उनका Participation भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा, 'हर विद्यार्थी को, Student को ये अवसर मिलना ही चाहिए कि वो अपने Passion को Follow करे। वो अपनी सुविधा और ज़रूरत के हिसाब से किसी डिग्री या कोर्स को Follow कर सके और अगर उसका मन करे तो वो छोड़ भी सके।' 

इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि Higher education को streams से मुक्त करने, multiple entry और Exit, Credit Bank के पीछे यही सोच है। हम उस era की तरफ बढ़ रहे हैं जहां कोई व्यक्ति जीवन भर किसी एक प्रोफेशन में ही नहीं टिका रहेगा। इसके लिए उसे निरंतर खुद को re-skill और up-skill करते रहना होगा। उन्होंने कहा, 'जब गांवों में जाएंगे, किसान को, श्रमिकों को, मजदूरों को काम करते देखेंगे, तभी तो उनके बारे में जान पाएंगे, उन्हें समझ पाएंगे, उनके श्रम का सम्मान करना सीख पाएंगे। इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में student education और Dignity of Labour पर बहुत काम किया गया है।' 

पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के भारत से पूरी दुनिया को बहुत अपेक्षाएं हैं। भारत का सामर्थ्य है कि कि वो टैलेंट और टेक्नॉलॉजी का समाधान पूरी दुनिया को दे सकता है हमारी इस जिम्मेदारी को भी हमारी Education Policy address करती है। उन्होंने कहा, 'अब टेक्नोलॉजी ने हमें बहुत तेजी से, बहुत अच्छी तरह से, बहुत कम खर्च में, समाज के आखिरी छोर पर खड़े Student तक पहुंचने का माध्यम दिया है। हमें इसका ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना है।' 

मोदी ने कहा कि वर्चुअल लैब जैसे कॉन्सेप्ट ऐसे लाखों साथियों तक बेहतर शिक्षा के सपने को ले जाने वाला है, जो पहले ऐसे Subjects पढ़ ही नहीं पाते थे जिसमें Lab Experiment जरूरी हो। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'जब Institutions और Infrastructure में भी ये Reforms, Reflect होंगे, तभी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अधिक प्रभावी और त्वरित गति से Implement किया जा सकेगा।' उन्होंने कहा कि Good-Quality Education का रास्ता इन दोनों मतों के बीच में है। जो संस्थान Quality education के लिए ज्यादा काम करे, उसको ज्यादा Freedom से Reward किया जाना चाहिए। इससे Quality को Encouragement मिलेगा और सबको Grow करने के लिए Incentive भी मिलेगा।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पीएम ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में बदलाव, देश को अच्छे students, अच्छे प्रोफेशनल्स और उत्तम नागरिक देने का बहुत बड़ा माध्यम आप सभी Teachers ही हैं, प्रोफेसर्स ही हैं। इसलिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी-राष्ट्रीय शिक्षा नीति में dignity of teachers का भी विशेष ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा, 'एक प्रयास ये भी है कि भारत का जो टेलेंट है, वो भारत में ही रहकर आने वाली पीढ़ियों का विकास करे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में teacher training पर बहुत जोर है, वो अपनी skills लगातार अपडेट करते रहें, इस पर बहुत जोर है।'

पीएम ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अमल में लाने के लिए हम सभी को एकसाथ संकल्पबद्ध होकर काम करना है। यहां से Universities, Colleges, School education boards, अलग-अलग States, अलग-अलग Stakeholders के साथ संवाद और समन्वय का नया दौर शुरु होने वाला है। मोदी ने आगे कहा, 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति सिर्फ सर्कुलर जारी करके, नोटिफाई करके Implement नहीं होगी। इसके लिए मन बनाना होगा, आप सभी को दृढ़ इच्छाशक्ति दिखानी होगी। भारत के वर्तमान और भविष्य को बनाने के लिए आपके लिए ये कार्य एक महायज्ञ की तरह है।'

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