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MCD merger: आज दिल्ली में तीनों नगर निगम का होगा विलय, जानें कर्मचारियों पर क्या पड़ेगा असर?

MCD merger: आज दिल्ली में तीनों नगर निगम का होगा विलय, जानें कर्मचारियों पर क्या पड़ेगा असर?

 

दिल्ली (Delhi) के नगर निगमों के एकीकरण (MCD merger) की प्रक्रिया अब पूरी हो चुकी है। आज यानी रविवार को दिल्ली की तीनों नगर निगमों का विलय हो जाएगा। IAS अधिकारी अश्विनी कुमार दिल्ली नगर निगम (MCD) के विशेष अधिकारी चुने गए हैं वहीं ज्ञानेश भारती निगम आयुक्त नियुक्त किए गए हैं।

गृह मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश के अनुसार नए सदन का चुनाव होने तक विशेष अधिकारी ही निगम के मामलों को संभालने वाला शीर्ष अधिकारी माना जाएगा। बता दें कि एजीएमयूटी कैडर के 1992 बैच के आईएएस अधिकारी अश्विनी कुमार पुडुचेरी के मुख्य सचिव थे। केंद्र सरकार (Central Govt) ने हाल में उनका ट्रांसफर दिल्ली में किया था और वह अपनी नई तैनाती का इंतजार कर रहे थे।

वहीं, एजीएमयूटी कैडर के 1998 बैच के आईएएस अधिकारी ज्ञानेश भारती फिलहाल दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त हैं। भारती दिल्ली के तीन निगम आयुक्तों में सबसे वरिष्ठ हैं। एकीकृत एमसीडी के विशेष अधिकारी के रूप में कुमार की नियुक्ति को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि वह निकाय चुनाव से महीनों पहले एकीकृत नगर निगम के कामकाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

एकीकरण का असर
एकीकृत एमसीडी के लिए विशेष अधिकारी और नए आयुक्त की नियुक्ति के बाद नगर निगम के स्टाफ में फेरबदल और पुनर्गठन की कवायद जल्द ही शुरू होने वाली है। निगम मामलों के विशेषज्ञ और एमसीडी कार्य समिति के पूर्व अध्यक्ष जगदीश ममगई (Jagdish Mamgai) ने कहा कि वर्तमान में तीन नगर निकायों के हर एक विभाग में तीन विभागाध्यक्ष हैं लेकिन एकीकरण के बाद एक विभाग में एक विभागाध्यक्ष ही होगा।

अधिकारियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या है?
जानकारों का कहना है कि इन अधिकारियों के सामने एमसीडी को आर्थिक रूप से स्थिर बनाने की चुनौती होगी। बता दें कि तीन नगर निकायों को एकजुट करने के लिए 30 मार्च को एक विधेयक लोकसभा और पांच अप्रैल को राज्यसभा ने अनुमोदित किया गया था।

जानें कब हुए थे हस्ताक्षर?
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने 18 अप्रैल को इस विधेयक पर हस्ताक्षर किए थे जिसके बाद यह विधेयक एक अधिनियम बन गया था। इस अधिनियम के तहत राष्ट्रीय राजधानी में वार्डों की मौजूदा संख्या 272 से घटाकर 250 कर दिया जाएगा, जिसका अर्थ है कि एमसीडी को चुनाव से पहले परिसीमन की कवायद से गुजरना होगा। वार्डों के सीमांकन के लिए केंद्र एक परिसीमन आयोग का भी गठन करेगा।

क्या होगा 700 कर्मचारियों का?
नगर निगमों के एकीकरण के बाद करीब 700 कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। तीन नगर निगमों के एकीकरण के बाद, लगभग 700 कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। नई प्रणाली के लिए उन्हें समायोजित करना एक बड़ी चुनौती होगी।

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