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मार्गशीर्ष अमावस्या की इन गलतियों से घर में आ सकता है भूत-पिशाच का साया, हो जाइये सावधान

मार्गशीर्ष अमावस्या की इन गलतियों से घर में आ सकता है भूत-पिशाच का साया, हो जाइये सावधान

 

आज का दिन हिन्दू पंचांग के अनुसार बेहद महत्वपूर्व है। आज मार्गशीर्ष अमावस्या है। हिन्दू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या की भी उतनी ही महत्ता है जितनी की बाकी दिनों में किसी खा पूजन की। जिस तरह किसी त्यौहार या विशेष भगवन के लिए उनकी स्तुति कर, उपवास रखते हैं वैसे ही पूर्णिमा और अमावस्या के पूजन से आपके पितरों में ख़ुशी रहती है और आपका जीवन खुशाहाल बीतता है।

क्यों मानते हैं ये अमावस्या?

मार्गशीर्ष अमावस्या भी अपने पितरों को स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। इसे आम भाषा में अगहन अमावस्या भी कहते हैं। इस अमावस्या में पितरों के लिए तर्पण और पिण्डदान की मान्यता है। ये प्रकिया परंपरा के अधीन है. ये भी मन जाता है कि अमावस्या को नकारात्मक शक्तियां जैसे की भूत-पिशाच बेहद सक्रिय होते हैं।

कब मनाई जाती है मार्गशीर्ष अमावस्या?

मार्गशीर्ष अमावस्या मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। इस दिन कुछ बातों का खास ख्याल रखना होता है ताकि किसी भी तरह की अनहोनी ना हो। आपकी कुछ गलतियां आपकी खुशियों को छीन सकता है। पल भर में घर की खुशियां चीन सकती है और बुरे प्रकूपों का साया आ सकता है। आगे बताये गए इन बातों को ध्यान में रखते हुए ऐसी गलतियां करने से बचें- 


क्या ना करें?

सूर्यौदय से पहले उठें: सामान्य दिनों में भी ये सलाह दी जाती है कि सूर्यौदय के बाद तक नहीं सोना चाहिए इससे कई तरह की परेशानियां हमारे शरीर में होती है।

मतभेदों से बचें: न केवल अमावस्या के ही दिन बल्कि कभी भी किसी से न उलझें. लड़ाई- झगड़ों से दूर रहें।

ना जाएं शमशान: जैसा की आपको बताया गया है कि अमावस्या के दिन भूत-पिसाच सक्रिय होते हैं इसलिए कभी भी सुनसान जगह या फिर शमशान जाने से बचें।

ना बनाएं शारीरिक सामान्य:अमावस्या का दिन भी पवित्र मन जाता है। ऐसे दिनों में हमें अपने इष्ट को याद करना चाहिए और गलत व्यवहारों को दूर रखना चाहिए। 

तामसिक भोजन करें ग्रहण:सदा खाना शरीर और मैं के लिए भी उत्तम होता है. इसलिए इस दिन कृषि मुनियों की तरह तामसिक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए। 

शुभ मुहूर्त 

मार्गशीर्ष अमावस्या के शुभ मुहूर्त की बात करें तो इसकी तिथि और समय है 23 नवंबर सुबह 06 बजकर 53 मिनट से गुरुवार 24 नवंबर को सुबह 04 बजकर 26 मिनट तक। इस दिन गरीबों को भोजन कराएं या दान दें इससे भी पितरों का आशीष आप पर बना रहेगा। 

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