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जानिए श्री गणेश से जुड़े ऐसे रोचक तथ्य, जो शायद आपने कहीं नहीं सुने होंगे

जानिए श्री गणेश से जुड़े ऐसे रोचक तथ्य, जो शायद आपने कहीं नहीं सुने होंगे

 

ऐसा माना जाता है कि भगवान की पूजा उनके विशेष दिन पर करने से भक्तों पर उनकी विशेष कृपा होती है। हिंदू धर्म में हर भगवान का कोई ना कोई एक विशेष दिन होता है। जैसे सोमवार के दिन भक्त  भगवान शिव की पूजा करते है वैसे ही बुधवार का दिन भगवान गणेश का होता है। ऐसे में लोग बुधवार के दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा करते है।

आपको बता दें कि भगवान गणेश को बुद्धि और कौशल के देवता के रुप में पूजा जाता है, उनकी आराधना करने से मनुष्य को अर्थ, विद्या, बुद्धि, विवेक, यश, प्रसिद्धि, सिद्धि प्राप्त होती है। इसलिए कुछ लोग बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करते है। इस बीच आज हम आपको बताने जा रहे है गणेश जी से जुड़े ऐसे रोचक तथ्यों के बारें में जो आज से पहले शायद ही आपको पता होंगे। तो चलिए जानते है... 

श्री गणेश से जुड़े रोचक तथ्य इस प्रकार है... 

- गणेश जी ने 64 अवतार लिए, लेकिन 12 अवतार प्रख्यात माने जाते हैं जिसकी पूजा की जाती है। 
- श्रीगणेश जी के 12 प्रमुख नाम हैं, सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लम्बोदर, विकट, विघ्ननाशक(विघ्नहर्ता), विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचन्द्र और गजानन। उनके हर नाम के पीछे कोई ना कोई कहानी छुपी हुई है।
- ऐसा माना जाता है कि गणेशजी का प्रथम नाम विनायक है। इस नाम को गणेशजी का असली नाम माना जाता है।
- गणेश जी के हर अवतार का रंग अलग है। लेकिन शिवपुराण के अनुसार गणेशजी के शरीर का प्रमुख रंग लाल और हरा है। लाल रंग शक्ति और हरा रंग समृद्धिण का प्रतीक माना जाता है। 
हैं।


- गणपति आदिदेव हैं जिन्होंने हर युग में अलग अवतार लिया। गणेशजी सतयुग में सिंह, त्रेता में मयूर, द्वापर में मूषक और कलिकाल में घोड़े पर सवार बताए जाते हैं।
- कहते हैं कि द्वापर युग में वे ऋषि पराशर के यहां गजमुख नाम से जन्मे थे। उनका वाहन मूषक था, जो कि अपने पूर्व जन्म में एक गंधर्व था। इस गंधर्व ने सौभरि ऋषि की पत्नी पर कुदृष्टि डाली थी जिसके चलते इसको मूषक योनि में रहने का श्राप मिला था। इस मूषक का नाम डिंक है।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गणेशजी को केतु के रूप में जाना जाता है। गणेश पूजा से बुध और केतु ग्रह का बुरा असर नहीं होता। 
- कार्तिकेय के अलावा गणेशजी के अन्य भाइयों के नाम हैं- सुकेश, जलंधर, अयप्पा, भूमा, अंधक और खुजा।
- गणेशजी की बहन का नाम अशोक सुंदरी, ज्योति (मां ज्वालामुखी) और मनसादेवी है।
- गणेशजी को पौराणिक पत्रकार या लेखक भी कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने ही 'महाभारत' का लेखन किया था। इस ग्रंथ के रचयिता तो वेदव्यास थे, परंतु इसे लिखने का दायित्व गणेशजी को दिया गया। 
- जल तत्व के अधिपति गणेशजी का सिर हाथी का है। उनकी मनपंसद वस्तुएं दूर्वा, लाल रंग के फूल, अस्त्र पाश और अंकुश है। प्रिय भोजन बेसन और मोदक का लड्डू हैं। 
- श्री गणेश को जो दूर्वा चढ़ाई जाती है, वह जड़रहित 4 अंगुल लंबी और 3 गांठों वाली होनी चाहिए।


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