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Krishna Janmashtami: भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते समय रखें इन बातों का ध्यान, होगी मनोकामना पूरी

Krishna Janmashtami: भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते समय रखें इन बातों का ध्यान, होगी मनोकामना पूरी

 

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व देशभर में धूम-धाम से मनाया जा रहा हैं। ऐसे में आप भी सोच रहे होंगे कि कैसे भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें जिससे की वो प्रसन्न हो जाए और मनोकामनाएं पूरी करें। जन्माष्टमी की पूजा में भगवान का श्रृंगार काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। मोर पंख के साथ-साथ बांसुरी और ऐसी ही अन्य आठ वस्तुएं हैं जिन्हें कृष्ण की पूजा में शामिल किया जाए तो वह प्रसन्न होते हैं।

मोरपंख कृष्ण को बेहद प्यारा है, कहा जाता है कि राधा के महल में जब कृष्ण बांसुरी बजाते थे तो उसकी धुन पर मोर भी नृत्य करते थे। उनके मष्तक पर भी एक मोर पंख सजी रहती है, इसलिए मोर पंख को पूजा में शामिल करना शुभ माना जाता है। मोर पंख की तरह ही मोर मुकुट भी कृष्ण को प्रिय हैं इसलिए इसे बी पूजा में शामिल करना चाहिए।

श्रीकृष्ण को बांसुरी से बहुत प्यार था, यह उनकी पहचान है। उनकी बांसुरी की धुन पर सुनकर गोपियां उनकी ओर खिंची चली आती थीं। नंद लाल-गोपाल कृष्ण को माखन काफी प्यारा है। बचपन में वह गोपियों की मटकियों से माखन चुरा कर खाया करते थे। माना जाता है कि माखन और मिसरी का भोग लगाने से अरोग्य की प्राप्ति होती है। जन्माष्टमी पर कृष्ण को झूला झूलाने की परंपरा है, ऐसा माना जाता है कि कृष्ण को इस दिन झूला झुलाने से प्रेम और आनंद की प्राप्ती होती है।

जन्मोत्सव के वक्त भगवान के स्वरूप को पंचामृत से स्नान कराने के बाद पीले रंग के वस्त्र पहनाने की परंपरा भी है। भगवान कृष्ण का सहचर गाय को माना जाता है। इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी के दिन कृष्ण के साथ बछड़े की या गाय की पूजा करना सुख और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। भगवान कृष्ण ने महाभारत के समय धनुर्धर अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसे भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है और कृष्ण की पूजा में गीता का होना शुभ माना जाता है।


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