उत्तर प्रदेश के हाथरस में सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई पीड़िता का मंगलवार देर रात यूपी पुलिस ने परिजनों की गैर मौजूदगी में जबरन अंतिम संस्कार कर दिया। जिसके बाद से विपक्ष लगातार योगी सरकार पर हमलावार है। इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाथरस युवती के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना तथा इससे जुड़े तथ्यों को दबाने को अत्यधिक गंभीर अपराध बताते हुए अपमानजनक और अन्यायपूर्ण बताया है।
वही, यूपी कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मामले से जुड़े तथ्यों को दबाने को अत्यधिक गंभीर अपराध बताते हुए राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा देने की मांग की है। राहुल गांधी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, 'भारत की एक बेटी का रेप-क़त्ल किया जाता है, तथ्य दबाए जाते हैं और अन्त में उसके परिवार से अंतिम संस्कार का हक़ भी छीन लिया जाता है। ये अपमानजनक और अन्यायपूर्ण है।'
भारत की एक बेटी का रेप-क़त्ल किया जाता है, तथ्य दबाए जाते हैं और अन्त में उसके परिवार से अंतिम संस्कार का हक़ भी छीन लिया जाता है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 30, 2020
ये अपमानजनक और अन्यायपूर्ण है।#HathrasHorrorShocksIndia pic.twitter.com/SusyKV6CfE
इसके अलावा प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा, 'रात को ढाई बजे परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन हाथरस की पीड़िता के शरीर को उत्तर प्रदेश प्रशासन ने जबरन जला दिया। जब वह जीवित थी तब सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी। जब उस पर हमला हुआ सरकार ने समय पर इलाज नहीं दिया। पीड़िता की मृत्यु के बाद सरकार ने परिजनों से बेटी के अंतिम संस्कार का अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया।'
प्रियंका ने इसे अमानवीयता तथा गंभीर अपराध करार दिया और एक अन्य ट्वीट में कहा, 'घोर अमानवीयता। आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया।अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दुगना अत्याचार किया। योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दो। आपके शासन में न्याय नहीं, सिर्फ अन्याय का बोलबाला है।'
गौरतलब है कि हाथरस में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार 19 वर्षीय दलित लड़की की मंगलवार सुबह सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में 14 सितंबर को लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई थी। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वही, गैंगरेप पीड़िता का शव रात करीब 12:45 हाथरस पहुंचा। जिसके बाद एंबुलेंस को जब अंतिम संस्कार के लिए ले जाया रहा था तो लोगों ने उसे रोक दिया और एंबुलेंस के लेटकर आक्रोश जताया।
इस दौरान पुलिस और ग्रामीणों में झड़प हो गई। दरअसल, परिजन रात में शव का अंतिम संस्कार नहीं करना चाहते थे, जबकि पुलिस तुरंत अंतिम संस्कार कराना चाहती थी। इसके बाद आधी रात के बाद करीब 2:30 बजे बिना किसी रीति रिवाज के और परिजनों की गैरमौजूदगी में पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
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