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जाने गुप्त नवरात्रों का रहस्य, मां की पूजा से होगी मनोकामना पूरी

जाने गुप्त नवरात्रों का रहस्य, मां की पूजा से होगी मनोकामना पूरी


गुप्त नवराओं का आज से आगाज से हो चुका है. कैसे करनी है पूजा? जानने के लिए पढ़े..

साल में चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र के बारे में तो सब जानते ही है लेकिन इसके अवाला ऋतु परिवर्तन के दौरान 2 नवरात्रें ओर भी होते है जिनका वर्णन नही किया जाता. जो कि गुप्त नवरात्रों के नाम से जाने जाते है. इन नवरात्रों के बारे में ज्यादा लोगों को नहीं पता क्योकि यह गोपनीय रखे जाते है. इन नवरात्रों में मां दुर्गा की दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना की जाती है.

गुप्त नवरात्रें का महत्व
तंत्र विद्या में आस्‍था रखने वाले लोगों के लिए यह नवरात्र बहुत महत्‍व रखते हैं. 2019 में गुप्त नवरात्र 5 फरवरी से आरंभ होगें और 14 फरवरी पर इसका सम्मापन होगा.

कब मनाए जाते हैं गुप्‍त नवरात्र?
गुप्‍त नवरात्र साल में दो बार आषाढ़ और माघ मास के शुक्‍ल पक्ष में मनाए जाते हैं. तंत्र साधना में विश्‍वास रखने वाले लोग इस दौरान तंत्र साधना करते हैं. जैसे चैत्र और आश्विन मास के नवरात्रों में मां दुर्गा के नौं रूपों की पूजा नियम से की जाती है वैसे ही इन गुप्त नवरात्रों में विशेष लक्ष्य प्राप्ति के लिए साधना की जाती है. इन नवरात्रों में 10 महाविद्याओं की साधना का महत्व है.
 
क्या है गुप्‍त नवरात्र की पौराणिक कथा 
पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में ऋषि श्रंगी एक बार अपने भक्तों को प्रवचन दे रहे थे. तभी भीड़ में से एक स्त्री बोली, 'मेरे पति दुर्व्यसनों से घिरे हैं. इस वजह से मैं धार्मिक कार्य व्रत-उपवास, अनुष्ठान नहीं कर पाती हूं. मैं मां दुर्गा की शरण में जाना चाहती हूं, लेकिन मेरे पति के पापों की वजह से मां की कृपा नहीं हो पा रही है. मेरा मार्गदर्शन करें.' इस तरह का वृतांत सुन ऋषि श्रंगी बोले, 'चैत्र और शारदीय नवरात्र में तो हर कोई पूजा करता है. लेकिन इनके अलावा साल में दो बार गुप्त नवरात्र भी आते हैं. इनमें नौ देवियों की बजाय 10 महाविद्याओं की उपासना की जाती है. अगर तुम विधिवत ऐसा कर सको तो मां दुर्गा की कृपा से तुम्हारा जीवन खुशियों से भर जाएगा.' यह सुन स्त्री ने गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा की कठोर साधना की. स्त्री की भक्ति से मां प्रसन्न हुईं और उसके पति को सद्बुद्धि आ गई. स्‍त्री की गृहस्‍थी संपन्‍न और खुशहाल हो गई. 

गुप्‍त नवरात्र में कैसे करें देवी की आराधना ?
बाकि नवरात्र की तरह ही गुप्‍त नवरात्र में देवी की पूजा की जाती है:
- पहले दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्‍नान करने के बाद नौ दिनों तक व्रत का संकल्प लेते हुए कलश की स्थापना करनी चाहिए.
- घर के मंदिर में अखंड ज्‍योति जलाएं.
- सुबह-शाम मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. 
- अष्‍टमी या नवमी के दिन कन्‍या पूजन कर व्रत का उद्यापन करें. 
- नौ दिनों तक दुर्गा सप्तशति का पाठ करना चाहिए. समय की कमी हो तो सप्त श्लोकी दुर्गा पाठ करना चाहिए. 
- तंत्र साधना करने वाले साधक गुप्‍त नवरात्र में माता के नौ रूपों की बजाए दस महाविद्याओं की साधना करते हैं.


कैसे करें कलश स्थापना ?
- घर के मंदिर में घी का दीपक जलाने के बाद शुद्ध मिट्टी रखें. मिट्टी में जौं डालें और पवित्र जल का छिड़काव करें.
- मिट्टी के ऊपर पीतल, तांबे या मिट्टी के कलश में जल भरकर रखें. 
- कलश में सिक्‍के डालें और उसके चारों ओर मौली बांधें. पुष्‍प माला चढ़ाएं. 
- कलश को ढक कर आम के पांच पत्ते रखें. 
- लाल कपड़े में नारियरल लपेटकर कलश के ऊपर रख दें. 
- इसके बाद कलश पर सुपारी, साबुत चावल छिड़कें और मां दुर्गा का ध्‍यान करें.  

 

 


 

 


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