दीपावली के अगले दिन भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा का विधान होता है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान कृष्ण ने देव राज इन्द्र के घमंड को चूर-चूर कर गोवर्द्धन पर्वत की पूजा की थी. इस बार गोवर्द्धन पूजा 8 नवंबर को यानी आज है. आज पूरे भारत में गोवर्धन पूजा होगी. इस शुभ दिन पर 'अन्नकूट' यानि 108 या 56 तरह के पकवान बनाकर श्रीकृष्ण को भोग लगाया जाता है.
भगवान को अन्नकूट का भोग लगाने के बाद पूरे कुटुंब के लोग साथ में बैठकर भोजन ग्रहण करते हैं. अन्नकूट का ये पावन पर्व मनाने से मनुष्य को लंबी उम्र और आरोग्य की प्राप्ति होती है. लंबी उम्र के अतिरिक्त मनुषिय को सुख-समृद्धि की भी प्राप्ति होती है.
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ |
7 नवंबर 2018 को रात 09 बजकर 31 मिनट से |
प्रतिपदा तिथि समाप्त |
8 नवंबर 2018 को रात 09 बजकर 07 मिनट तक |
गोवर्धन पूजा का प्रात |
काल मुहूर्त: 08 नवंबर 2018 को सुबह 06 बजकर 39 मिनट से 08 बजकर 52 मिनट तक |
गोवर्धन पूजा का सांयकालीन मुहूर्त |
08 नवंबर 2018 को दोपहर 03 बजकर 28 मिनट से शाम 05 बजकर 41 मिनट तक |
गोवर्धन पूजा की विधि
गोवर्धन पूजा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर शरीर पर तेल लगाने के बाद स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. इसके बाद अपने ईष्ट देवता का ध्यान करें और फिर घर के मुख्य दरवाजे के सामने गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाएं. पर्वत बनाने के बाद इसे पौधों, पेड़ की शाखाओं और फूलों से सजाएं. पर्वत तैयार करने के बाद उसमें रोली, कुमकुम, अक्षत और फूल अर्पित करें.
इसके बाद इस मंत्र का उच्चारण करें –
गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।
विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव: ।।
इसी प्रकार गायों को नैवेद्य अर्पित कर इस मंत्र का उच्चारण करें -
लक्ष्मीर्या लोक पालानाम् धेनुरूपेण संस्थिता।
घृतं वहति यज्ञार्थे मम पापं व्यपोहतु।।
इसके बाद गोवर्धन पर्वत और गायों को भोग लगाकर उनकी आरती उतारें.