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राजधानी में रेस्तरां और बार में हर्बल हुक्के की अनुमति देने पर विचार करे सरकार - दिल्ली हाईकोर्ट

राजधानी में रेस्तरां और बार में हर्बल हुक्के की अनुमति देने पर विचार करे सरकार - दिल्ली हाईकोर्ट

 

शिवेंद्र अमिताभ। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार (Delhi Government) के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (Disaster Management Authority) से कहा कि वह तत्काल आधार पर रेस्तरां और बार को हर्बल हुक्का परोसने और बेचने की अनुमति देने के मुद्दे पर विचार करे।

रेस्तरां और बार एसोसिएशन ने दिल्ली हाईकोर्ट में दायर कर कहा कि दिल्ली में सभी चीजें खोल दी गई है। तो रेस्तरां और बार को हर्बल हुक्का परोसने की भी अनुमति दी जानी चाहिए। ताकि रेस्तरां और बार चलाने वाले अपनी आजीविका को संतुलित कर सकें। याचिकाकर्ताओं ने संयुक्त पुलिस आयुक्त द्वारा उनके द्वारा संचालित रेस्तरां और बार में हर्बल हुक्का की बिक्री और सेवा पर रोक लगाने के आदेश को चुनौती दी।

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि ग्राहकों को संचालित रेस्तरां और होटल्स में अलग-अलग हुक्का प्रदान किया जाता है और उन्हें किसी भी कीमत पर अन्य ग्राहकों को परोसा नहीं जाता है। अदालत ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता नंदिनी साहनी की इस दलील को भी दर्ज किया कि रेस्तरां और बार में आने वाले केवल 5-10% मेहमान ही हुक्का पीने के इच्छुक हैं। 

याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कोर्ट ने कहा:

"जब आप अन्य गतिविधियां खोल रहे हैं और वे (याचिकाकर्ता) रेस्तरां और बार में हुक्का सर्व करने के इच्छुक हैं, तो आपको निर्णय लेना होगा। आजीविका को भी संतुलित करना होगा।" मामले को 30 सितंबर को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट करते हुए अदालत ने दिल्ली सरकार को मामले में निर्देश प्राप्त करने के लिए समय दिया। अदालत ने कहा कि "उम्मीद है कि डीडीएमए इस पहलू पर तत्काल आधार पर विचार करेगा।"

वहीं, दिल्ली सरकार की ओर से पेश संतोष कुमार त्रिपाठी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि रेस्तरां और बार को हुक्का सर्व की अनुमति देने से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि पूरी दिल्ली हुक्का बार खोलने की कीमत चुकाएगी। हम अकेले कार में ड्राइविंग करते समय अपने मास्क पहने हुए हैं। हम बार में हुक्का कैसे परोसने की इजाजत दे सकते हैं?"

"हुक्का बार खोलने की एक गलती से जान चली जाएगी। हुक्का महत्वपूर्ण नहीं है, जीवन बहुत महत्वपूर्ण है। हम पहले से ही जनशक्ति, डॉक्टरों, COVID-19 वर्कर्स, नर्सों आदि इस मुद्दे पर ध्यान न देने के लिए जोर दे रहे हैं।"

डीडीएमए द्वारा जारी आदेश के अनुसार, चूंकि धूम्रपान करने वालों को COVID-19 की चपेट में आने की संभावना है, और हुक्के के उपयोग और साझा करने से वायरस का प्रसार और बढ़ सकता है। इसलिए इन पर रोक लगाई गई है।

वहीं, इस मामले में वेस्ट दिल्ली रेस्टोरेंट एसोसिएशन की बड़ी भूमिका रही है। वेस्ट दिल्ली रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने अपने सभी साथियों के बंद पडे रोजगार को जल्द शुरू करवाने के लिए रेस्तरां और बार से जुड़े सभी साथियों को एकजुट कर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। 

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