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सुख-सौभाग्य के लिए नवरात्रि के सांतवें दिन ऐसे करें मां कालरात्रि को प्रसन्न 

सुख-सौभाग्य के लिए नवरात्रि के सांतवें दिन ऐसे करें मां कालरात्रि को प्रसन्न 

 

हिन्दू धर्म में शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) को बहुत शुभ माना जाता है। आज (02 अक्टूबर)  शारदीय नवरात्रि की सप्तमी तिथि है। आज के दिन मां दुर्गा (Maa Durga) के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि (Maa Kalratri) की पूजा-अर्चना की जाती है। मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करती है इसलिए इन्हें कालरात्रि (Kalratri) कहा जाता है। हमेशा शुभ फल देने के कारण इनको शुभंकरी भी कहा जाता है। मां कालरात्रि तीन नेत्रों वाली देवी हैं। इस दिन जो भी भक्त विधि-विधान से मां कालरात्रि की पूजा करता है, उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। मां कालरात्रि की पूजा करने से भय और रोगों का नाश होता है। साथ ही भूत प्रेत, अकाल मृत्यु ,रोग, शोक आदि सभी प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती है।

मां कालरात्रि का स्वरूप 
मां दुर्गा ने कालरात्रि का रूप शुम्भ, निशुम्भ और रक्तबीज को मारने के लिए लिया था। देवी का शरीर अंधकार की तरह काला है। इनका वाहन गधा (Donkey) है। मां के श्वास से आग (Fire) निकलती है। मां के बाल बहुत बड़े और बिखरे हुए हैं। उनके गले की माला बिजली की तरह चमकती रहती है। मां के तीन नेत्र (Eyes) है जो ब्रह्मांड की तरह विशाल व गोल हैं। मां के चार हाथ हैं। जिनमें दो में तलवार और लौह अस्त्र है। बाकी दो हाथ अभय मुद्रा और वरमुद्रा में है।

मां कालरात्रि की पूजा विधि
स्नान करके माता के सामने घी का दीपक जलाएं और उन्हें लाल रंग के फूल अर्पित करें। मां कालरात्रि की पूजा में मिष्ठान, पंच मेवा, पांच प्रकार के फल, अक्षत, धूप, गंध, पुष्प और गुड़ नैवेद्य आदि को चढ़ाया जाता है। मां कालरात्रि को गुड़ या उससे बने पकवान का भोग जरूर लगाएं। पूजा समाप्त होने के बाद माता के मंत्रों का जाप करके उनकी आरती करें। साथ ही दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ भी अवश्य करें। 

मां कालरात्रि का मंत्र
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

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