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Farmer Protest:11वें दौर की वार्ता भी हुई विफल, सरकार ने किसानों से कहा- इससे बेहतर कुछ नहीं कर सकते

Farmer Protest:11वें दौर की वार्ता भी हुई विफल, सरकार ने किसानों से कहा- इससे बेहतर कुछ नहीं कर सकते

 

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों पर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बना हुआ है। आज यानी शुक्रवार को सरकार और किसान के बीच 11वें दौर की बैठक हुई। लेकिन पिछली 10 बातचीत की तरह ये वार्ता भी बेनतीजा रही है। बैठक में किसान बिल की वापसी की मांग पर अडे रहे, तो वहीं कृषि मंत्री कृषि कानून को वापसी न लेने की बात कह कर बैठक छोड़कर चले गए। ऐसे में सरकार और किसानों के बीच घंटों चली बैठक के बाद ना कोई नतीजा निकला और ना ही अगली वार्ता की तारीख तय हुई।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 11वें दौर की बैठक खत्म होने के बाद कहा कि 11 बैठकों में 45 घंटे चर्चा हो चुकी है लेकिन सभी वार्ता विफल रही है। इसी दौरान उन्होने कहा कि कृषि कानूनों पर सरकार डेढ़ साल तक रोक लगाने के लिए तैयार है। इससे बेहतर प्रस्ताव सरकार नहीं दे सकती है। नए कृषि कानूनों में कोई कमी नहीं है। हमने किसानों के सम्मान में प्रस्ताव दिया था लेकिन किसान अभी तक कोई निर्णय नहीं कर सके हैं। कृषि मंत्री ने मीडिया के माध्यम से किसानों से कहा, 'आप अगर किसी निर्णय पर पहुंचते हैं तो हमें सूचित करें। इस पर फिर हम चर्चा करेंगे।' हालांकि कृषि मंत्री ने ये भी कहा कि अगली बैठक की कोई तारीख तय नहीं है।

वहीं, किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि लंच ब्रेक से पहले किसान नेताओं ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग रखी। सरकार ने कहा कि वो संशोधन के लिए तैयार है। मंत्रियों ने किसान नेताओं से प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कहा। वहीं, हमने सरकार से हमारे प्रस्ताव पर विचार करने को कहा। इसके बाद मंत्री बैठक छोड़कर चले गए।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आज की बैठक के दौरान सरकार ने कृषि कानूनों पर दो साल की रोक लगाने की बात कही और कहा गया कि अगली बैठक तब ही होगी जब किसान सरकार के इस प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे। 

यह भी पढ़ें- सरकार ने दो साल तक कृषि कानूनों को स्थगित करने का दिया प्रस्ताव, किसानों ने ठुकराया


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