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सरकार ने दो साल तक कृषि कानूनों को स्थगित करने का दिया प्रस्ताव, किसानों ने ठुकराया

सरकार ने दो साल तक कृषि कानूनों को स्थगित करने का दिया प्रस्ताव, किसानों ने ठुकराया

 

केंद्र के नए कृषि कानूनों पर बुधवार को सरकार और किसान संगठनों के बीच 10वें दौर की बैठक हुई। लेकिन हर बार की तरह इर बार भी दोनों पक्ष किसी अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंच पाए और एक बार फिर वार्ता बेनतीजा ही रही। अब सरकार और किसानों के बीच 22 जनवरी को 11वें दौर की बैठक होगी।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बैठक में सरकार ने किसानों को प्रस्ताव दिया कि एक निश्चित समय के लिए कानून पर रोक लगा दी जाए और एक कमेटी का गठन किया जाए। गठित की जाने वाली कमेटी में सरकार और किसान दोनों पक्ष के सदस्य हों। लेकिन किसान नेताओं ने सरकार के इस प्रस्ताव को नकार दिया है। सूत्रों के मुताबिक, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अगर किसान कमेटी बनाकर बिंदुवार चर्चा के लिए तैयार होते हैं तो वे नए कृषि कानूनों को दो साल के लिए स्थगित कर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देने के लिए भी तैयार हैं।

बता दें कि सरकार ने पिछली वार्ता में किसान संगठनों से अनौपचारिक समूह बनाकर अपनी मांगों के बारे में सरकार को एक बिंदुवार मसौदा प्रस्तुत करने को कहा था। लेकिन हालांकि किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि केंद्र के नए कृषि कानूनों से मंडी व्यवस्था और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की प्रणाली समाप्त हो जाएगी और किसानों को बड़े उद्योग घरानों की ‘कृपा’ पर रहना पड़ेगा। जबकि सरकार का कहना है कि इन कानूनों ने किसानों को फायदा होगा।

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