उत्तर प्रदेश में CAA विरोध का पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया के साथ सीधा संपर्क था। ED की रिपोर्ट में पता चला है कि जिन इलाकों में CAA के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हिंसा हुई थी, वहां PFI के हाथ होने के तार जुड़े हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 73 बैंक खातों में 120 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जमा की गई थी। इन पैसों का इस्तेमाल प्रदर्शन के लिए हुआ था।
Mohd Ali Jinnah, General Secy, Popular Front of India (PFI): We strongly condemn news reports regarding PFI's financial link to instigate CAA protest. Reports attribute 73 bank accounts to PFI&states that Rs 120 cr was transferred through these accounts to fund anti-CAA protest.
— ANI (@ANI) January 27, 2020
ईडी की जांच में पाया गया कि दिसंबर में संसद से CAA पास होने के बाद पश्चिम यूपी के हिंसाग्रस्त इलाकों बिजनौर, हापुड़, बहराइच, शामली और डासना के कई बैंक अकाउंट में पैसे भेजे गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, 73 बैंक अकाउंट में करीब 120 करोड़ रुपये भेजे गए थे। इन पैसों का इस्तेमाल विरोध-प्रदर्शनों की फंडिंग के लिए किया गया था। रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि PFI की कश्मीर यूनिट को भी 1.65 करोड़ रुपये मिले थे। ईडी ने गृह मंत्रालय को इन पैसों के लेनदेन के बारे में आगाह किया था।
Union Minister Ravi Shankar Prasad: Law enforcement agencies are doing their job, I need not make any comment. But if there is suspicious nature of transaction on a particular day then obviously it raises serious apprehension& protests that are organised don't look voluntary. https://t.co/Q9PEh10IGq pic.twitter.com/OUVIsWRnAr
— ANI (@ANI) January 27, 2020
यह रिपोर्ट यूपी हिंसा के आरोप में अरेस्ट किए गए PFI अध्यक्ष वसीम अहमद को पिछले सप्ताह जमानत मिलने के कुछ दिन बाद आई है। यूपी पुलिस वसीम के खिलाफ मजबूत सबूत जुटाने में असफल रही थी, हालांकि उसने वसीम को इस हिंसा का मास्टरमाइंड बताया था। इस रिपोर्ट के खुलासे के बाद बीजेपी ने कहा है कि इस मामले की जांच होनी चाहिए। बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर कोई खास दिन इस तरह का वित्तीय लेनदेन हुआ है तो इसकी जांच होनी चाहिए।
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