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देवशयनी एकादशी के दिन करें ये उपाय, धन लाभ के साथ मिलेगी भगवान विष्णु की कृपा

देवशयनी एकादशी के दिन करें ये उपाय, धन लाभ के साथ मिलेगी भगवान विष्णु की कृपा

 

प्रत्येक वर्ष आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन देवशयनी एकादशी मनायी जाती है। ऐसी मान्यता है कि देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु समेत सभी देवता शयन करने के लिए योगनिन्द्रा में चले जाते हैं और चार मास बाद फिर देवउठनी एकादशी के दिन सभी देवता योगनिन्द्रा से जाग जाते हैं। वहींर्ग्मशास्त्रों में इस चार मास की अवधि को चतुर्मास कहा जाता है। इस दौरान सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य भी नहीं किए जाते हैं। वहीं साल 2021 में देवशयनी एकादशी 20 जुलाई, दिन मंगलवार को है। शास्त्रों में देवशयनी एकादशी का बहुत खास महत्व बताया गया है। इस दिन किए गए शुभ कार्यों से मनुष्य को मनचाहा वरदान मिलता है और ऐसे व्यक्ति पर ईश्वरीय कृपा होती रहती है। तो आइए जानते हैं देवशयनी एकादशी के दिन कौन से शुभ कार्य करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को मनचाहा वरदान देते हैं।

देवशयनी एकादशी के दिन करें ये उपाय

1. देवशयनी एकादशी के दिन दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें।

2. देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को खीर, पीले फल या पीले रंग की मिठाईयों का भोग लगाएं।

3. अगर आपके मन में धन प्राप्ति की कामना है तो आप देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करें।

4. देवशयनी एकादशी की शाम तुलसी के पेड़ की जड़ में दीपक जलाकर तुलसी के पौधे को प्रणाम करें।

5. देवशयनी एकादशी के दिन आप सुबह के समय गाय के कच्चे दूध में केसर मिलाकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें।

6. देवशयनी एकादशी के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और भगवान विष्णु का ध्यान करें।

7. देवशयनी एकादशी के दिन आप गरीब लोगों में गेहूं, चावल आदि दान करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं।

8. देवशयनी एकादशी के दिन आप 'ॐ नमो नारायणाय' या 'ॐ नमो भगवते वसुदेवाय नम:' मंत्र का 108 बार या एक तुलसी की माला जाप करें।

9. देवशयनी एकादशी की शाम में तुलसी के दीपक जलाएं और 'ॐ नमो भगवते वसुदेवाय नम:' का जाप करते हुए तुलसी जी की 11 परिक्रमा करें।

10. देवशयनी एकादशी के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा को पीतांबर से सजाकर सफेद वस्त्र से निर्मित तकिया और बिस्तर एक छोटे से पलंग पर बिछाकर उन्हें शयन कराएं। इसके साथ ही मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए चतुर्मास के दौरान कुछ चीजों के त्याग का संकल्प लें।

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