गृहमंत्री अमित शाह, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और हिमंता बिश्व शर्मा की मौजूदगी में बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर हो गए हैं। इस दौरान बोडो आंदोलन से जुड़े सभी बड़े नेता शामिल थे। अमित शाह ने बताया कि 30 जनवरी को 1535 कैडर हथियारों के साथ समर्पण करेंगे। उन्होंने बताया कि बोडोलैंड आंदोलन में 2900 नागरिक, 239 सुरक्षाकर्मी और 900 के करीब बोडोलैंड आंदोलन से जुड़े लोगों ने जान गंवाई है।
गृहमंत्री ने कहा कि 30 जनवरी को इस समूह से जुड़े लोग 1535 कैडर हथियारों के साथ समर्पण करेंगे। हम विश्वास दिलाते हैं कि सरकार बोडो समुदाय के विकास के लिए काम करेगी। इस समझौते से असम की विभाजन की आशंका खत्म हो गई है। इस शांति समझौते से असम और बोडो समुदाय के लोगों के स्वर्णिम भविष्य तय होगा। शाह ने कहा, मैं सभी प्रतिनिधियों को आश्वासन देता हूं कि सभी वादों को तय सीमा के अंदर पूरा किया जाएगा।
Home Minister Amit Shah on agreement with National Democratic Front of Bodoland factions: 1550 cadres along with 130 weapons will surrender on 30th January. As the Home Minister, I want to assure all representatives that all promises will be fulfilled in a time-bound manner. pic.twitter.com/PNDGYFdyYZ
— ANI (@ANI) January 27, 2020
बता दें कि असम में प्रतिबंधित उग्रवादी समूह नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ़ बोरोलैंड, ऑल बोडो स्टूडेंट यूनियन के चार धड़ों के शीर्ष नेतृत्व शामिल हुए थे। असम सरकार में कैबिनेट मंत्री हिमंता बिश्व शर्मा ने इस समझौते की जानकारी देते हुए कहा कि बोडो समुदाय की सभ्यता और संस्कृति के संरक्षण का पूरा ख्याल रखा जाएगा साथ ही विकास के लिए कई योजनाओं को इसमें जिक्र किया गया है। उन्होंने कहा कि उपेंद्र नाथ बोरोमा के नाम पर एक केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाया जाएगा साथ ही नॉर्थ ईस्ट ऑफ मेडिकल साइंस का भी बोडोलैंड टेरोटीरियल में स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही कई शिक्षा, खेल और चिकित्सा से जुड़े कई संस्थानों को खोलने का भी समझौते में जिक्र हुआ है।
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