भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद शुक्रवार को फिर जामा मस्जिद पहुंचे। उन्हें जमानत पर रिहा करते हुए कोर्ट ने दिल्ली छोड़ने के लिए कहा था। दिल्ली छोड़ने की डेडलाइन पूरी होने से पहले उन्होंने जामा मस्जिद की सीढ़ियों पर प्रदर्शनकारियों के साथ बैठकर संविधान की प्रस्तावना पढ़ी। चंद्रशेखर को जामा मस्जिद पर ऐसा ही प्रदर्शन करने पर 21 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था।
भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को गुरुवार की रात तिहाड़ जेल से रिहा किया गया। चंद्रशेखर को पुरानी दिल्ली के दरियागंज में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। आजाद के संगठन ने पुलिस की अनुमति के बगैर 20 दिसंबर को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च का आयोजन किया था।
Bhim Army chief Chandrashekhar Azad at Jama Masjid: Peaceful protest is our strength. People from all religions who support us should join us in great number to prove it to the govt that these protests are not led by Muslims alone. #CitizenshipAmendmentAct pic.twitter.com/WivjSWKjR7
— ANI (@ANI) January 17, 2020
भीम आर्मी प्रमुख को 21 दिसंबर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को जमानत दी थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने उन्हें कुछ शर्तों के साथ राहत दी थी। आजाद को जमानत देते हुए अदालत ने कहा था कि वह चार हफ्तों तक दिल्ली नहीं आ सकेंगे और चुनावों तक कोई धरना आयोजित नहीं करेंगे।
यह भी पढ़ें- छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न मामले में अनु मलिक को राहत, इस कराण राष्ट्रीय महिला आयोग ने केस किया बंद