गृह मंत्री अमित शाह ने CAA का विरोध कर रहे विपक्ष की आंखों पर वोट बैंक की पट्टी बंधी होने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को साफ किया कि जिसको विरोध करना हो करे, मगर सीएए वापस नहीं होने वाला है। शाह ने CAA के समर्थन में यहां आयोजित जागरूकता रैली में कहा कि CAA नागरिकता छीनने का नहीं बल्कि देने का कानून है, मगर कांग्रेस और सपा समेत विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनकी आंखों पर वोट बैंक की पट्टी बंधी है।
गृहमंत्री ने कहा, जिसको विरोध करना हो करे, मगर CAA वापस नहीं होने वाला है। शाह ने विपक्षी दलों को CAA पर बहस की चुनौती भी दी। उन्होंने कहा CAA के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है कि इससे देश के मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी। मैं कहने आया हूं कि जिसमें भी हिम्मत है वह इस पर चर्चा करने के लिये सार्वजनिक मंच ढूंढ ले। हम चर्चा करने के लिये तैयार हैं।
Amit Shah in Lucknow: At the time of partition, Hindu, Sikh Buddhist&Jain constituted 30% of population in Bangladesh and 23 % in Pakistan. But today, it's just 7% & 3%, respectively. Where have these people gone? Those who are protesting against CAA, I want to ask them this. pic.twitter.com/kV8yDMulrW
— ANI UP (@ANINewsUP) January 21, 2020
उन्होंने कहा कि CAA की कोई भी धारा किसी भी नागरिक की नागरिकता लेती हो तो बता दें। उन्होंने कहा कि आज देश में इसके खिलाफ दंगा और धरना-प्रदर्शन कराया जा रहा है जो गलत है। अमित शाह ने कहा कि बीजेपी का सीएए के प्रति जनजागरण का अभियान इस कानून के खिलाफ दुष्प्रचार करके देश को तोड़ने की साजिश रचने वालों के खिलाफ मुहिम है।
यह भी पढ़ें- माफी मांगने से रजनीकांत ने किया इंकार,पेरियार पर की टिप्पणी से मचा बवाल