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क्या लोकसभा में इस बार भी नहीं होगा नेता विपक्ष? ये है कारण

क्या लोकसभा में इस बार भी नहीं होगा नेता विपक्ष? ये है कारण

 

देश की राजनीतिक इतिहास की सबसे पुरानी पार्टी अब अस्तित्व बचाने मुहाने पर खड़ी हो गई है। कांग्रेस जिसने दशकों तक देश पर एकछत्र राज किया वह अब सत्तापक्ष को दूर विपक्ष की पार्टी बनने के लिए भी जूझ रही है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उससे नेता विपक्ष का दर्जा छिन गया था। इस बार भी हालात ऐसे ही हैं। यूपीए के सबसे बड़े दल कांग्रेस पार्टी के पास कुल 51 सीटें आने वाली हैं। साफ तौर पर इस बार भी स्पष्ट है कि विपक्ष का दर्जा हासिल करना भी कांग्रेस के लिए बेहद मुश्किल साबित होने वाला है। पिछले बार के चुनाव में भी लोकसभा में किसी भी दल को विपक्ष का दर्जा हासिल नहीं हो पाया था।

लोकसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं। एक बार फिर देश में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली NDA की सरकार बनने जा रही है। इस बार बीजेपी और NDA साल 2014 से भी ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की है। इस बार भी कांग्रेस का प्रदर्शन निराशा जनक रहा है। पार्टी के खराब प्रदर्शन से वह चुनाव तो हार गए लेकिन एक और खतरा मंडरा रहा है। दरअसल इस बार कांग्रेस से संसद में विपक्ष का दर्जा भी छीना जा सकता है।

दरअसल इस चुनाव में कांग्रेस को 51 सीटों पर जीत मिली है और एक सीट पर वह आगे है। वहीं साल 2014 के चुनाव में उसे मात्र 44 सीटें मिली थी। नियम के मुताबिक कुल लोकसभा सीटों में से कम से कम 10 प्रतिशत सीटें यानि 55 सीटें जीतने की आवश्यकता होती है। साल 2014 और 2019 में कांग्रेस इस न्यूनतम आवश्यकता को पूरा करने में असफल रही है। बता दें कि लोकसभा की कुल 545 सीटें हैं।

बता दे 16वीं लोकसभा में जब कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं। कांग्रेस सबसे बड़ा विपक्षी दल होने के नाते अपने सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए विपक्ष के नेता का पद मांग रही थी। कांग्रेस की कम सीटें होने के चलते खड़गे को यह पद नहीं मिला। ऐसे में एक बार फिर विपक्ष के नेता का पद खाली रह सकता है।


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