टोक्यो ओलंपिक में भारत की स्टार मुक्केबाज एमसी मेरी कॉम (51 किग्रा) का मेडल जीतने का सपना टूट गया है। 6 बार की विश्व चैंपियन को कोलंबिया की तीसरी वरीयता प्राप्त इंग्रिट वालेंसिया ने करारी शिकस्त दी और 3-2 से मुकाबला जीत लिया है।
इसके बाद महिला फ्लाइवेट (48-51 किग्रा) कैटेगरी के इवेंट में मेरी कॉम को हराकर वालेंसिया क्वार्टर फाइनल में पहुंच गईं हैं। एशियाई चैंपियन और 2012 लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मैरी कॉम ने इस चुनौतीपूर्व मुकाबले में अपने बेहतरीन खेल दिखाया, लेकिन वह आगे नहीं बढ़ सकीं।
इस दौरान जब रेफरी ने मुकाबले के अंत में वालेंसिया का हाथ ऊपर उठाया तो उस वक्त मैरी कॉम की आंखों में आंसू थे और चेहरे पर मुस्कान। वहीं जब वालेंसिया पहली घंटी बजने के बाद भागी थीं तो उस समय लगा यह मुकाबला कड़ा होने वाला है और बाद में ऐसा ही हुआ।
Mary Kom, you win every time a young girl picks up a pair of boxing gloves! 🥊
— #Tokyo2020 for India (@Tokyo2020hi) July 29, 2021
Take a bow, champ! 🙌#BestOfTokyo | #UnitedByEmotion | #StrongerTogether | #Tokyo2020 @MangteC pic.twitter.com/cDuqoz0h0q
शुरु से ही दोनों मुक्केबाज एक-दूसरे पर मुक्के जड़ रहीं थीं, लेकिन वालेंसिया ने शुरुआती राउंड 4-1 से जीत लिया। हालांकि, मैरी कॉम ने शानदार वापसी करते हुए दूसरे और तीसरे राउंड को 3-2 से अपने नाम किया, पर शुरुआती राउंड की बढ़त से वालेसिंय इस मुकाबले को जीतने में सफल रहीं। भारतीय मुक्केबाज ने दूसरे और तीसरे राउंड में दाहिने हुक का बखूबी इस्तेमाल किया। 2019 विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टरफाइनल में मैरी कॉम वालेंसिया को हरा चुकी हैं। इसके बाद कोलंबियाई मुक्केबाज की यह मैरी कॉम पर पहली जीत है।
बता दें कि मैरी कॉम की तरह ही वालेंसिया भी अपने देश के लिए काफी अहम खिलाड़ी हैं, वह पहली महिला मुक्केबाज हैं जिन्हंने ओलंपिक खेलों में अपने देश का प्रतिनिधित्व किया और वह पहली महिला मुक्केबाज हैं जिन्होंने देश के लिए ओलंपिक पदक अपने नाम किया। मैरीकॉम की तरह 32 साल की वालेंसिया भी अपने देश के लिए काफी अहम खिलाड़ी हैं। वह पहली महिला मुक्केबाज हैं, जिन्होंने ओलंपिक खेलों में अपने देश का प्रतिनिधित्व किया और वह पहली महिला मुक्केबाज हैं, जिन्होंने देश के लिए ओलंपिक पदक जीता।
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