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हिमाचल में भांग की खेती को लीगल करने का पेंच फंसा, ये है कारण

हिमाचल में भांग की खेती को लीगल करने का पेंच फंसा, ये है कारण

 

ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट से पहले उत्तराखंड की तर्ज पर हिमाचल में भी भांग की खेती को कानूनी रूप देने की तैयारियों में जुटा आबकारी एवं कराधान विभाग इसे अब तक लागू नहीं करा सका है। आबकारी विभाग की इस नीति पर विधि विभाग ने कुछ बिंदुओं पर आपत्ति जताई है। आपत्तियां दूर करने के लिए विभाग को फाइल लौटा दी है।

विभाग ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से पहले इस नीति को शुरू करने के लिए आपत्तियों को दूर करने में जुटा है। आपत्तियां दूर होने के बाद विभाग इसे कैबिनेट में पेश करेगा। मंजूरी मिलने पर इसे लागू किया जाएगा। जीवन रक्षक दवाओं और कुछ अन्य उपचारों के लिए भांग की खेती को कानूनी रूप देने के उद्देश्य से आबकारी विभाग ने एक नीति तैयार की है। इसके तहत भांग का इस्तेमाल हर हाल में सिर्फ निर्धारित उत्पादों के लिए किया जाए। इसके लिए सख्त प्रावधान किए जाएंगे।

इन्वेस्टर्स मीट के लिए निमंत्रण बांटने के दौरान कई देशों के राजदूतों तथा विदेशी निवेशकों ने हिमाचल में पैदा होने वाली भांग की गुणवत्ता पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से चर्चा की थी। हाल ही में उत्तराखंड सरकार ने भांग की खेती को कुछ खास उत्पादों के निर्माण को कानूनी मंजूरी दी है। प्रदेश सरकार भी उसी तर्ज पर दवाओं के अलावा करीब 70 तरह के उत्पादों के निर्माण के लिए इस खेती को सरकारी नियंत्रण में कराना चाह रही है।


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