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बड़ा झटका: किसान बिल से नाराज शिरोमणि अकाली दल ने NDA से तोड़ा 22 साल पुराना नाता

बड़ा झटका: किसान बिल से नाराज शिरोमणि अकाली दल ने NDA से तोड़ा 22 साल पुराना नाता

 

किसान बिल को लेकर नाराज चल रही शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा को बड़ा झटका देते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन (एनडीए) से नाता तोड़ दिया है। एनडीए से अलग होने का फैसला अकाली दल के चीफ सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी की कोर कमिटी के साथ बैठक मे लिया है। इस बैठक में पार्टी के कई बड़े पदाधिकारी भी मौजूद थे। बता दें कि शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी के बीच उस समय नाराजगी खुलकर सामने आ गई थी जब किसान बिल के विरोध में अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने पहले ही केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।

शनिवार को शिरोमणि अकाली दल की कोर कमेटी की बैठक होने के बाद अध्यक्ष और सांसद सुखबीर सिंह बादल ने एनडीए से नाता तोड़ने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा और एनडीए का साथ छोड़ने का फैसला किया है। वही, पार्टी की तरफ से आए बयान में कहा गया है कि बीजेपी नीत एनडीए से पार्टी का नाता तोड़ने का कारण केंद्र सरकार द्वारा कानूनी तौर पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) की गारंटी न देने की जिद और पंजाबी और सिखों के मुद्दे पर असवेंदनशीलता है

बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने 1998 में राजग (एनडीए) की स्थापना की थी। उस समय शुरुआती घटकों में प्रकाश सिंह बादल की पार्टी अकाली दल भी एनडीए का सहयोगी बना था। तब से लगातार अकाली दल भाजपा का सहयोगी रहा। ऐसे में अब जाकर 22 साल बाद अकाली दल ने भाजपा का दामन छोड़ दिया है। 

बताया जा रहा है कि पंजाब में किसान काफी आक्रोशित हैं। शिरोमणि अकाली दल राज्य में एक बड़ा वोट बैंक माने जाने वाले किसानों को नाराज करने के मूड में कतई नहीं है। यही वजह है कि पार्टी ने पहले केंद्रीय मंत्री पद छोड़ा और अब एनडीए गठबंधन से भी अलग होने का फैसला कर लिया। 

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