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शीला दीक्षित ने स्वीकारा,'आतंक के खिलाफ मनमोहन सिंह का रुख PM मोदी जितना कड़ा नहीं था'

शीला दीक्षित ने स्वीकारा,'आतंक के खिलाफ मनमोहन सिंह का रुख PM मोदी जितना कड़ा नहीं था'

 

नई दिल्ली: दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री ने गुरुवार को स्वीकार किया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 26/11 के हमले के बाद आतंक के खिलाफ पीएम मोदी जितने सख्त नहीं थे। दीक्षित ने कहा कि पीएम मोदी ने पुलवामा हमले के बाद आतंकियों के खिलाफ दृढ़ता से कार्रवाई की लेकिन साथ ही यह भी जोड़ा कि राजनीतिक हित के लिए उन्होंने ऐसा किया।

इस बयान के सामने आने के बाद शीला दीक्षित ने सफाई दी है कि मनमोहन सिंह का आतंकवाद को लेकर उतना कड़ा कदम नहीं होता जितना कि पीएम मोदी उठाते हैं। अगर मेरे बयान को किसी दूसरी तरह पेश किया जा रहा है तो मैं कुछ नहीं कह सकती।

उन्होंने इस इंटरव्यू में 26/11 के हमले के बाद यूपीए सरकार के स्टैंड को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा था कि यह मानना पड़ेगा कि मनमोहन सिंह आतंकवाद से लड़ने में इतने मजबूत नहीं थे जितने कि अब के पीएम हैं। माना जाता है कि यूपीए सरकार का ये मानना था कि पाकिस्तान से लड़ने के लिए आर्मी का इस्तेमाल करना ठीक नहीं है। इससे आतंकवाद कम नहीं होगा।

सिर्फ यही बयान नहीं आज शीला दीक्षित अपने एक और बयान को लेकर चर्चा में रहीं। दरअसल आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको वॉयस मैसेज से दिल्ली के कार्यकर्ताओं से रायशुमारी कर रहे हैं कि आप के साथ पार्टी का गठबंधन होना चाहिए या नहीं। इसी वायरल ऑडियो के बारे में शीला दीक्षित का कहना है कि वह इस मैसेज के बारे में कुछ नहीं जानती और इस मसले पर उनकी राय नहीं ली गई है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मुझसे बिना पूछे ये सर्वे कैसे हो सकता है।


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