आरएसएस का स्थापना दिवस और विजयादशमी उत्सव आज नागपुर में संघ स्थित मुख्यालय में मनाया गया। हर साल होने वाले आरएसएस के विजयादशमी कार्यक्रम में इस बार एचसीएल के संस्थापक-चेयरमैन और पद्म भूषण से सम्मानित शिव नादर ने मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा लिया। आरएसएस की स्थापना केशव बलीराम हेडगेवार ने 1925 में विजयादशमी के दिन की थी।
आरएसएस के कार्यक्रम में शिव नादर के अलावा कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी हिस्सा लेने पहुंचे। आरएसएस के स्थापना दिवस के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि ऐसा नहीं है कि प्रजातंत्र की व्यवस्था पश्चिम के देशों ने भारत को दी है, बल्कि ये भारत की परंपरा का हिस्सा रहा है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बहुत दिनों बाद लगा कि देश में कुछ बदलने लगा है और पहली बार साहसी फैसले लेने वाली सरकार आई है।
A high responsibility of imparting samskars rests in the family. It is a matter of great concern that women feel unsafe today. The sanctity and decency of our culture is to be instilled in the men’s approach towards women - Dr. Mohanji Bhagwat #RSSVijayaDashmi pic.twitter.com/hmxdIINgAr
— RSS (@RSSorg) October 8, 2019
मोहन भागवत ने मॉब लिंचिंग के मामलों को संघ से संबंधित न होने की बात कही, इसके बारे में उन्होंने कहा कि इन सबसे संघ का कोई संबंध नहीं है और स्वयंसेवक ऐसे काम नही करते हैं। अगर कोई स्वयंसेवक इसमें शामिल मिला तो संघ उसको प्रोटेक्ट करने नही जाता है। ये एक षडयंत्र है और ऐसे मामलों में संघ का नाम लिया जाता है। सारे देश और हिंदू समाज को सर्वत्र बदनाम करने का प्रयास शुरू किया जा रहा है. संघ के स्वयंसेवक किसी को मारने नहीं बल्कि बचाने जाएंगे।