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चीन पर बोले रविशंकर प्रसाद- अगर कोई बुरी नजर डालता है तो देश मुंहतोड़ जवाब देने में है सक्षम

चीन पर बोले रविशंकर प्रसाद- अगर कोई बुरी नजर डालता है तो देश मुंहतोड़ जवाब देने में है सक्षम

 

भारत सरकार की ओर से 59 चीनी ऐप्स को बैन किए जाने को केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को डिजीटल हमला बताया है। साथ ही, उन्होंने कहा है कि भारत शांति चाहता है लेकिन अगर कोई बुरी नजर डालता है तो देश मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर हमारे देश ने 20 सैनिकों को खोया तो चीन में यह संख्या दुगुनी है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, 'अब आप केवल दो ‘सी’ सुन सकते हैं कोरोना वायरस और चीन।' उन्होंने कहा, 'हम शांति और समस्याओं को बातचीत के जरिए हल करने में यकीन रखते हैं लेकिन अगर कोई भारत पर बुरी नजर डालता है तो हम मुंहतोड़ जवाब देंगे..अगर हमारे 20 जवानों ने अपनी जान का बलिदान दिया तो चीन में यह संख्या दोगुनी है।'

एक डिजीटल रैली को संबोधित करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'आप सभी ने देखा होगा कि उन्होंने कोई संख्या नहीं बताई।' वही, हाल ही में आतंकवादी हमलों का भारत द्वारा जवाब दिए जाने को याद करते हुए उन्होंने कहा, 'आप सभी को याद होगा कि उरी और पुलवामा (आतंकवादी हमलों) के बाद हमने कैसे बदला लिया। जब हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा तो इसका मतलब होता है। हमारी सरकार में यह कर दिखाने की इच्छाशक्ति है।' 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ने देशवासियों के डेटा की सुरक्षा करने के लिए डिजीटल हमला किया। पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए एक डिजीटल रैली को संबोधित करते हुए प्रसाद ने यह पूछा कि टीएमसी चीनी एप्स पर प्रतिबंध का विरोध क्यों कर रही है। उन्होंने आगे ने कहा, 'हम बंगाल में अजीब प्रवृत्ति देख रहे हैं। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने पहले पूछा था कि हम ऐप्स पर पाबंदी क्यों नहीं लगा रहे और अब वे जानना चाहते हैं कि हम ऐप्स पर प्रतिबंध क्यों लगा रहे हैं। यह अजीब है, वे संकट के समय सरकार के साथ क्यों नहीं खड़े हो सकते।' 

इस दौरान रविशंकर प्रसाद ने चीन-भारत सीमा पर झड़प को लेकर माकपा की चुप्पी पर भी निशाना साधा। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'मैं हैरान हूं कि माकपा ने चीन की आलोचना क्यों नहीं की। क्या यह वही माकपा है जो 1962 में थी।'

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